Sachin Pilot Biography in Hindi सचिन पायलट की बायोग्राफी

Sachin Pilot Biography in Hindi. सचिन पायलट की जीवनी कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए सचिन पायलट की बायोग्राफी / जीवनी हिंदी में।

Sachin Pilot Biography in Hindi

शुरुआत में मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया और बाद में संसद पहुंच गए। उम्र चाहे कम हो लेकिन उनका शांत अंदाज और राजनीति की समझ यह संकेत देती है कि वह लंबा रास्ता तय करेंगे। उनमें पिता की झलक साफ नजर आती है और अपने पिता की विरासत को वह बखूबी संभाल भी रहे हैं। उनका सरल समभाव ही सभी पर असर डालता है।

आज हम आपको परिचय कराएंगे एक ऐसी शख्सियत से जो युवा है और राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। लेकिन इस विरासत को संभालना इतना आसान काम ना था, पर उन्होंने अपने पिताजी की दी हुई विरासत बखूबी तरीके से संभाली और राजस्थान में एक बहुत बड़े नेता के रूप में अपने आप को निहारा। नाम है सचिन पायलट, जब भी पायलट शब्द किसी की जुबां पर आता था तो एक ही चेहरा उनकी आंखों के सामने नजर आता था, वह था राजेश पायलट का। और यही सबसे बड़ी चुनौती सचिन पायलट जी के सामने थी कि वह किस तरीके से और कैसे काम करें कि लोग उनको अपने पिताजी के बराबर का सम्मान उन्हें दे रहे। इसी वजह से वह किसी भी विवाह में नहीं पड़ते हैं और कभी कोई गलत बयान बाजी नहीं करते। कांग्रेस की युवा ब्रिगेड में उनका नाम सबसे पहले आता है। वह राहुल गांधी के करीबी हैं। राहुल गांधी ने उन्हें इस बार राजस्थान चुनाव की सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी थी। कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट जो की कम उम्र में राजनीति में आ गए थे, आज कांग्रेस का एक ऐसा सितारा वह बन गए है, जिसे कांग्रेस का भविष्य बताया जाता है।

अगर बात शुरुआत से की जाए तो उनका जन्म सहारनपुर में हुआ था। सचिन पायलट का निजी और सियासी जीवन बहुत ही दिलचस्प रहा है। उनका जन्म 7 सितंबर सन 1977 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा वायु सेना बाल भारती स्कूल नई दिल्ली से हासिल की है। इसके साथ सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से स्नातक किया और उसके बाद आईएमटी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से आगे की पढ़ाई की। स्नातक करने के बाद सचिन पायलट विदेश चले गए और जहां पर उन्होंने व्हार्टन स्कूल, फ्लोरिडा से ग्रेजुएशन किया है। कुछ समय उन्होंने बीबीसी दिल्ली ब्यूरो में काम किया। इसके बाद 2 साल तक अमेरिकी कंपनी जनरल मोटरस के साथ भी उन्होंने भी काम किया है। राजनीति उन्हें विरासत में मिली थी हालांकि युवा अवस्था में ही उन्होंने अपने पिता को खो देने का गम उनके दिल में था। उनके पिता राजेश पायलट नामी कांग्रेसी नेता थे। उनके घर का माहौल ऐसा था उनकी दिलचस्पी भी राजनीति में जग गई।

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पिता की निधन के बाद वह पूरी तरह राजनीति में उतर आए और 26 साल की उम्र में ही लोकसभा चुनाव जीत कर संसद भी पहुंच गए। यह बात सन्न 2004 की है जब उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उन्हें अपने पिताजी की सीट से खड़ा होना पड़ा और अपने प्रतिद्वंदी को 1.2 लाख वोटों से हराकर संसद में धमाकेदार प्रवेश किया था। इसी साल में गृह मामलों में लोकसभा की स्थाई समिति के सदस्य बने रहे। सचिन पायलट 2006 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सलाहकार समिति के सदस्य भी बने हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट ने अजमेर में भारी अंतर से भारतीय जनता पार्टी के नेता किरण माहेश्वरी को हराया था। इसी जीत का इनाम उन्हें सूचना और संचार राज्य मंत्री के रूप में मिला। साल 2012 में सचिन कॉर्पोरेट मामले में राज्य मंत्री बने और 2014 तक वो इस पद पर बने रहे हैं।

अगर बात की जाए सचिन पायलट की निजी जीवन की तो आपको बता दे की सचिन पायलट गुज्जर समाज से संबंध रखते हैं। पिता राजेश पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। सचिन पायलट की माता जी का नाम रमा पायलट है और उनकी बहन का नाम सारिका पायलट है। सचिन पायलट की शादी 2004 में नेशनल कॉन्फ्रेंस फारुख अब्दुल्लाह की बेटी सारा अब्दुल्ला से हुई है। उनके दो बेटे हैं एरान पायलट और विहान पायलट। सचिन पायलट को संगीत और फिल्में देखना बहुत पसंद है। वह अपनी सेहत के प्रति काफी सजग रहते हैं, जिसके चलते वह रोजाना योगा और कसरत किया करते हैं। उनकी पसंदीदा अभिनेत्री की अगर बात करें तो उनकी पसंददीदा अभिनेत्री नरगिस और मधुबाला है। उनका पसंदीदा खेल क्रिकेट माना जाता है, राजनीति में व्यस्त होने के बावजूद वह हर हाल में इसके लिए वक्त निकाल लेते हैं। सचिन पायलट पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं राजस्थान के रण में जहा वसुंधरा राजे को जबरदस्त चुनौती मिल रही है, जिसकी वजह सचिन पायलट भी माना जा रहा है। राहुल गांधी ने सचिन पायलट को प्रदेश की कमान सौंपी है। वह पहली बार टोंक विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। अशोक गहलोत और सी पी जोशी जैसे अनुभवी नेताओं के साथ सचिन पायलट को महत्वपूर्ण पद सौंपना कहीं ना कहीं यह बताता है कि कांग्रेस हाईकमान को उनके ऊपर कितना भरोसा है।

सचिन पायलट की बायोग्राफी में अगर उनकी लव स्टोरी की बात ना की जाए तो उनकी बायोग्राफी अधूरी रहेगी। सचिन पायलट की लव स्टोरी कुछ ऐसी थी कि लंदन में उन्हें प्यार हुआ था और पूरे देश में बवाल मच गया था। राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट के प्रेम की कहानी पूरी तरीके से फिल्मी है। यह इसलिए है क्योंकि इस कहानी में लड़का हिंदू है और लड़की मुस्लिम है। दोनों की पढ़ाई के दौरान विदेश में मुलाकात होती है और फिर प्रेम में बदल जाती है। फिर दोनों मिलकर शादी का फैसला करते हैं लेकिन यह फैसला एक नई मुसीबत को आवाज़ देने जैसा लगता है। जब यह दोनों अपनी शादी की बात परिवार वालों को बताते हैं तो कोहराम मच जाता है। लड़का अगर एक बड़े राजनेता का बेटा है तो लड़की भी उस परिवार से आती है जहां पर तीन-तीन लोग मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हम बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की बहन सारा की जो अब सचिन पायलट की वाइफ बन चुकी है। अगर खबरों की मानें तो अब्दुल्लाह का परिवार सचिन और सारा की शादी के खिलाफ था।

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भारत के राजनीती के दो बड़े घरानो ने जब अपने प्रेम के बारे में घरवालों को बताया तो इस हाई-प्रोफाइल प्यार का विरोध करने वाले भी सामने आ गए। केंद्रीय मंत्री और संसद रहे सचिन पायलट जब विदेश में पढ़ाई कर रहे थे, तब उनकी दोस्ती जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री उम्र अब्दुल्लाह की बहन सारा से हुई। इस दोस्ती ने आगे चल कर प्यार का नाम ले लिया। उम्र अब्दुल्लाह का परिवार सचिन और सारा की शादी के खिलाफ था लेकिन सचिन धर्म, राजनीती और समाज के नियमों को ठेंगा दिखते हुए कश्मीर की सारा को अपना लिया और अपनी रानी बनाने की ठान ली। सचिन ने तो अपने परिवार वालों को शादी के लिए तैयार कर लिया था लेकिन सारा का परिवार इस के लिए त्यार नहीं था। दोनों ने जनवरी 2004 में की। इस शादी का अब्दुल्लाह परिवार ने विरोध किया और शादी को मान्यता देने से इनकार भी कर दिया था। शादी के कुछ महीनो बाद ही सचिन है राजनीति के मैदान में अपनी किस्मत आजमाई और सचिन मात्र 26 वर्ष में ही 2004 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद सचिन और सारा की शादी का विरोध करने वाले फारुख अब्दुल्ला ने अब सचिन पायलट को अपने दामाद के रूप में स्वीकार कर लिया था। जब सचिन पायलट कोंग्रेस की मनमोहन सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए तब फारुख अब्दुल्ला काफी खुश नज़र आये थे। सारा के पिता फारुख ने भले ही अपनी बेटी की शादी का विरोध किया हो लेकिन उन्होंने भी एक कैथोलिक धर्म को मानने वाली महिला से विवाह किया था। फारुख के बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी एक आर्मी ऑफिसर की बेटी पायल से विवाह किया है। सचिन पायलट ने वर्ष 2001 में अपने पिता को समर्पित एक किताब लिखी है जिसका नाम “राजेश पायलट द स्पिरिट ऑफ़ फॉरएवर” के नाम से प्रकाशित हुई है। सचिन पायलट घरेलू और अर्थ व्यवस्था के मामलो में भी नजर बनाए रखते हैं। तो ये थी बायोग्राफी राजस्थान के एक युवा नेता की जो इतनी कम उम्र में ही अब राजस्थान के डिप्टी सीएम है।

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