Biography of Vikram Sarabhai in Hindi

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Biography of Vikram Sarabhai in Hindi

‘जादू’ को तो आप सब जानते ही होंगे। वही जो फिल्म ‘कोई मिल गया’ में अंतरिक्ष से आता है और रितिक रोशन को खूब ताकतवर बना देता है। बच्चो! फिल्म तो एक कहानी थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज हम वास्तव में अंतरिक्ष तक जा सकते हैं, और यह जादू हमारे वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने ऐसे रॉकेट और अंतरिक्ष यान बनाए हैं, जिनमें बैठकर अंतरिक्ष में जाया जा सकता है।

आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह सब विक्रम अंबालाल साराभाई की वजह से हो पाया, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं। वे हमारे देश के प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक थे। उनका जन्म 12 अगस्त, 1919 को अहमदाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम अंबालाल और माँ का नाम सरला देवी था।

अंबालाल, शहर के एक जाने-माने व्यवसायी थे। उनके घर महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सी०वी० रामण जैसे महान् और प्रसिद्ध लोगों का आना-जाना बना रहता था। बचपन में ही विक्रम को इन सबसे मिलने का मौका मिला और इनसे उन्हें अपने काम को जी-जान से करने की सीख मिली। उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई कैम्ब्रिज से की और बाद में महान् वैज्ञानिक सी०वी० रामण के मार्गदर्शन में शोध किया।

एक बार फिर कैम्ब्रिज जाकर उन्होंने अपनी पी-एच०डी० की डिग्री पूरी की और उसके बाद भारत आकर नवंबर, 1947 में अहमदाबाद में फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी बनाने में पूरी सहायता की। इसके बाद राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति बनाई गई, जिसके विक्रम अध्यक्ष बने। होमी भाभा की सहायता से उन्होंने तिरुअनंतपुरम के पास थेंबा में देश के पहले रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की स्थापना की। मई, 1966 में उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। उनके मुख्य योगदानों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ‘इसरो’ की स्थापना भी शामिल है। विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में परमाणु योगदान के लिए उन्हें 1962 में शांतिस्वरूप भटनागर मेडल और 1966 में पद्मभूषण दिया गया। 31 दिसंबर, 1971 को नींद में ही उनका निधन हो गया।

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