Information About History of Brahmaputra River in Hindi

Know more about Brahmaputra River in Hindi. Read information on Brahmaputra River in Hindi language. ब्रह्मपुत्र नदी हिंदी में। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए ब्रह्मपुत्र नदी की जानकारी हिंदी में। History of Brahmaputra River in Hindi for students. Learn more about the History of Brahmaputra River in Hindi to score well in your exams.

hindiinhindi Brahmaputra River in Hindi

History of Brahmaputra River in Hindi

भारत की प्रमुख नदियों की बात हो और ब्रह्मपुत्र का जिक्र न छिडे, ऐसा नहीं हो सकता। इसकी खास वजह यह है कि यह हमारे देश में बहने वाली तमाम छोटी-बड़ी नदियों में सबसे बड़ी है। ब्रह्मपुत्र की लंबाई ज्यादा होना इसे इसलिए खास बनाता है क्योंकि जहाँ–जहाँ पानी होता है, वहाँ-वहाँ अनाज, फल और सब्जियाँ उगाई जाती हैं, जो जीवन का आधार हैं। आज तक जितनी भी सभ्यताओं का विकास हुआ है, वे सब किसी-न-किसी नदी के किनारे ही जन्मी हैं। गंगा से भी लंबी इस नदी की गिनती केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया की महत्त्वपूर्ण नदियों में भी की जाती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत में कैलास पर्वत के पास जिमा यॉन्गजॉन्ग झील है। आरंभ में यह तिब्बत के पठारी इलाके में यालुंग सांगपो नाम से लगभग 4000 मीटर की औसत ऊँचाई पर 1700 किलोमीटर तक पूर्व की ओर बहती है।

इसके बाद यह नामचा बार्वा पर्वत के पास दक्षिण-पश्चिम की दिशा में मुड़कर भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। यहाँ इसे सियांग कहते हैं। चीन, भारत और बाँग्लादेश के कई शहरों में बहती हुई यह आखिरकार बाँग्लादेश में बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है। यह भारत में खास तौर से उत्तर-पूर्वी राज्यों-असम और अरुणाचल में बहती है। असम के डिब्रूगढ़ और लखीमपुर जिले के बीच यह नदी दो शाखाओं में बँट जाती है। फिर असम में ही दोनों शाखाएँ मिलकर मजुली द्वीप बनाती हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। जिन मैदानों को ब्रह्मपुत्र सींचती है, वहाँ चावल, जूट और सरसों की खूब फसल होती है।

संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का अर्थ है, ब्रह्माजी की संतान। हमारे प्राचीन ग्रंथों के अनुसार कैलास पर्वत से दो नदियाँ निकलती थीं, ब्रह्मपुत्र और शतद्रु। शतद् आगे जाकर सरस्वती से जुड़ती थी। सरस्वती और ब्रह्मपुत्र संसार को रचने वाले देवता ब्रह्माजी की प्रिय मानी जाती थीं। हालाँकि सरस्वती नदी का जिक्र अब हमारी पवित्र पुस्तकों में ही मिलता है। माना जाता है कि अब यह नदी लुप्त हो गई है। वैसे कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह अब भी जमीन के नीचे बहती है। लेकिन ब्रह्मपुत्र आज भी हमारी सबसे खास नदियों में से एक है। इसे तिब्बत में यारलुंग झेंगबो और बाँग्लादेश में जमुना नाम से जाना जाता है। इन नामों से ही पता चलता है कि इसके किनारे कितनी अलग-अलग संस्कृतियों के लोग रहते हैं। इस तरह यह अलग-अलग रहन–सहन, खान-पान और पहनावे वाले लोगों के बीच एक कड़ी का काम करती है। एक जगह से दूसरी जगह जाने और व्यापार के लिए भी ब्रह्मपुत्र एक खास नदी है।

जल संरक्षण पर निबंध

भारत की नदियाँ पर निबंध

गोदावरी नदी की जानकारी

वर्षा जल संचयन पर निबंध

Thank you for reading the history of Brahmaputra River in Hindi language. Give your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *