दसहरा पूजन विधि – Dussehra Puja Vidhi at Home in Hindi
|दसहरा पूजन विधि (विजयादशमी पूजा ) – Dussehra Puja Vidhi in Hindi
अगर आपको नहीं पता तो बता दे की दसहरे वाले दिन सभी शास्त्रों की भी पूजा की जाती हे. विधिक हिन्दू रीति रवाजो के अनुसार इस दिन श्री राम चन्दर जी के साथ ही श्री लक्समन जी, श्री भारत जी और श्री शत्रुगण जी का भी पूजन करना चाहिए.
सुबह घर के आंगन में गोबर के चार पिण्ड मण्डलाकर (गोल बर्तन जैसे) बनाएं. इन्हें श्री राम समेत उनके अनुजों की छवि मानना चाहिए. इन चारो बर्तनो में भीगा हुआ धान और चांदी रखकर उसे किसी वस्त्र से धक् दे. उनकी गंध, पुष्प और द्रव्य से पूजा करनी चाहिए. पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करने के बाद ही खुद भोजन करना चिहिए. ऐसा मन जाता हे की इसे करने से इंसान सुखी रहता हे.
दसहरे पूजन की सामग्री –
दसहरे की फोटो, गाय का गोबर, रोली,मोली, चावल, चूना, आटा, सिक्के (Coins), फूल, झवारा (Jhuwara) जो नवरात्री के दिनों में ऊगा हो, दीपक, धुप, केला (Banana), मूली (radish), ग्वारफली (flat cluster beans), खीर, पूरी, दक्षणा के पैसे, बहीखाता (account books).
पूजा की विधि –
दसहरे की तस्वीर को आटे या चुनें से बनाये और उस पर गाय का गोबर की 9 टिकिया रखे.
गाय के गोबर की दो कटोरिया बनाये – एक में कुछ सिक्के रखे और दूसरी में रोली, चावल, फल और झवारा रखे.
पानी, मोहली, रोली, चावल, फल और झवारे से पूजा करे.
दीपक और धुप को ज्यले और परिकर्मा करे.
पुरानी बहीखाता के अनुसार फूल, झवारा, रोली, चावल पेश करके पूजा करे.
पूजा के बाद कटोरी में से पैसे निकाल ले और किसी सुरक्षित जगह पर संभल के रख ले.
ब्राह्मणो को भोजन के साथ दक्षणा पेश करे.
वर्ष 2017 में विजय दशमी तिथि शुरू होगी 29 सितम्बर को 23.49 से 1 अक्टूबर को 01.35 बजे तक. विजय महूरत हे 14.08 से लेकर 14.55 बजे तक. अपराह्न पूजा का समय 13.21 से 15.42 तक हे.
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