Essay on Clothing Industry in Hindi वस्त्र उद्योग पर निबंध

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hindiinhindi Essay on Clothing Industry in Hindi

Essay on Clothing Industry in Hindi

भारत का वस्त्र उद्योग पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है। यहाँ के खादी वस्त्र, बनारसी साड़ियाँ, कश्मीरी शॉल आदि की देश-विदेश में खूब माँग रहती है। इन सभी में भारत के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई देती है। यही वजह है कि कश्मीर घूमने जाने वाले अपने मित्रों से हम वहाँ की पशमीना शॉल लाने के लिए कहना नहीं भूलते, तो बाजार जाने पर सिल्क के कपड़े हमेशा दक्षिण भारत के खास सिल्क के ही माँगते हैं। वर्षों से इन वस्त्रों की देश-दुनिया में माँग बरकरार है तो इसके पीछे वजह भी है। आज जबकि पूरी दुनिया में मशीनों से तैयार कपड़ा पहना और बेचा जा रहा है, तब पूरी तरह से हाथ से तैयार खादी सभी का ध्यान अपनी ओर खींचती है। न केवल यह हाथ से बनाई जाने के कारण खास है, बल्कि उपयोग के लिहाज से भी यह अच्छी रहती है। इसे सर्दियों और गर्मियों दोनों में ही पहना जा सकता है। गांधीजी के समय चलन में आने वाली खादी आज दुनिया में सबसे ज्यादा और सबसे महँगे बिकने वाले वस्त्रों में से एक है।

वहीं दक्षिण भारत की सिल्क की साड़ियाँ भी अपने बेहतरीन सिल्क और सुंदर, बॉर्डर के लिए जानी जाती हैं। खासकर मैसूर के कोलेगल, तमिलनाडु के काँचीपुरम् और आंध्र प्रदेश के अरनी की सिल्क साड़ियाँ खूब पसंद की जाती हैं। दक्षिण भारत के अतिरिक्त असम का मुगा सिल्क भी उच्च गुणवत्ता वाला होता है। यहाँ का पारंपरिक परिधान, मेखला चादर आदि इसी से बनाए जाते हैं। इस पर विभिन्न डिजाइनें बनी रहती हैं।

भारत के अलग-अलग राज्यों के वस्त्रों की अपनी विशेषताएँ हैं। दक्षिण से थोड़ा ऊपर चलें तो आता है बंगाल। सांस्कृतिक रूप से अत्यंत समृद्ध बंगाल अपने मलमल के लिए मशहूर है। कई तरह की सुइयों के प्रयोग से रंग-बिरंगे धागों से बना मलमल बेहद नरम होता है। बंगाल के अलावा भी आज भारत के कई राज्यों में मलमल बनाया जाता है। कशीदे, छापे, फूलों के डिजाइन वाला और जामदानी मलमल पूरी दुनिया में लोगों की पहली पसंद बन चुका है। आज भारत में इतनी तरह के वस्त्र मिलते हैं, तो इसलिए कि अलग-अलग राज्यों में स्थानीय कारीगरों ने अपने हुनर को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया है।

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