Essay on National Flag of India in Hindi भारत के राष्ट्रीय ध्वज़ तिरंगे पर निबंध

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Essay on National Flag of India in Hindi

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Essay on National Flag of India in Hindi 300 Words

हमारे स्कूल की अधिकतर किताबों में तिरंगे का चित्र बना रहता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हमारा राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा हमारे देश की आन, बान और शान का प्रतीक है। यह बताता है कि हमारा देश एक आजाद देश है और अपना हर फैसला हम स्वयं ले सकते हैं। कोई और देश हमारे बीच हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।

इसमें तीन रंग की आड़ी पट्टियाँ हैं। ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। सभी पट्टियों की लंबाई-चौड़ाई बराबर है। सफेद पट्टी के बीचोबीच एक गहरे नीले रंग का चक्र बना है, जिसमें 24 आरे हैं। इसे अशोक स्तंभ से लिया गया है। केसरिया पट्टी शौर्य, सफेद पट्टी सत्य और शांति, जबकि हरी पट्टी सुख-समृद्धि का प्रतीक है। इसके इस स्वरूप को भारत की संविधान समिति ने 22 जुलाई, 1947 को स्वीकार किया था।

29 मई, 1953 को इसे यूनियन जैक और नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज के साथ दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत–चोटी माउंट एवरेस्ट पर फहराया गया। यही नहीं, सन् 1984 में जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए, तब यह उनकी पोशाक पर था। इसे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर भी फहराया जा चुका है।

जानते हैं, पहले हम अपने राष्ट्रीय ध्वज को कहीं भी नहीं फहरा सकते थे, लेकिन 26 जनवरी, 2002 को एक नया कानून बनाकर हमें ऐसा करने की इजाजत दे दी गई, साथ ही ऐसे नियम भी बनाए गए जिससे तिरंगे की गरिमा को ठेस न पहुँचे। हमें इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि हम इन नियमों का पूरा पालन करें। आखिर हम सभी के दिल से एक ही आवाज आती है, ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा।

Essay on National Flag in Hindi 325 Words

प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक चिन्ह या प्रतीक होता है। जिससे उसकी पहचान बनती है। राष्ट्रीय ध्वज हर राष्ट्र के गौरव का प्रतीक होता है। तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। 22 जुलाई 1947 को भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज अंगीकृत किया और इसके कुछ ही दिन बाद 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग है इसलिये इसे तिरंगा भी कहते हैं, इसके साथ ही हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश के भाईचारे, एकता और इंसानियत को भी प्रदर्शित करता है।

हमारा देश भारत विविध जातियों, धर्मों और संस्कृतियों का देश है। इसी प्रकार हमारा ध्वज भी भाव प्रधान है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगों की पट्टियाँ हैं। जिनका आकार समान है। झंडे के सबसे ऊपर केसरिया रंग है, जो वीरता और शौर्य को प्रकट करता है। बीच का हिस्सा सफेद रंग का है जो पवित्रता, त्याग, भावना एवं सादगी का प्रतीक है। नीचे के भाग का हरा रंग हमारे देश की हरी भरी धरती और सम्पन्नता को दर्शाता है। ध्वज की मध्य सफेद पट्टी पर अशोक चक्र बना है। नीले रंग के अशोक चक्र में 24 लाइनें हैं। अशोक चक्र धर्म, विजय एवं प्रगति का द्योतक है। लहराता हुआ तिरंगा प्रत्येक भारतीय को राष्ट्र प्रेम की भावना से ओत प्रोत कर देता है।

हमारा राष्ट्रीय ध्वज खादी के कपड़े से बना है, जो हाथ से बना हुआ एक कपड़ा है जिसे महात्मा गांधी ने शुरू। किया था। हमारे देश में खादी के अलावा किसी और झंडे से बने राष्ट्रीय ध्वज को उड़ाना सख्त वर्जित है। राष्ट्रीय ध्वज प्रत्येक राष्ट्र की शान होता है। राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमारा तिरंगा झंडा हमारी आजादी का प्रतीक है। हमे सदैव ही इसका सम्मान करना चाहिये। कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कछ नशा मातभमि की मान का है। हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान की शान का हैं…

Essay on National Flag of India in Hindi 350 Words

प्रत्येक स्वतंत्र देश का अपना एक ध्वज होता है, जो स्वतंत्र होने का संदेश है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, देश के लिये सम्मान और स्वतंत्रता का प्रतीक है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज़ तीन रंगों का है इसलिये इसे तिरंगा भी कहते हैं। तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। भारत के विभिन्न धर्मों के लोगों के लिये हमारा राष्ट्रीय ध्वज़ एकता का प्रतीक है।

भारतीय ध्वज की अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी और भारत की अंग्रेज़ो की स्वतंत्रता के कुछ दिनों पहले ही 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपना लिया गया था। हमारे देश का धवज आरंभ से बहुत भिन-भिन परिवर्तनों से गुजरा है। 7 अगस्त 1906 को प्रथम राष्ट्रीय ध्वज पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता में फहराया गया था, जिसे लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था। तृतीय ध्वज 1917 में डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन में फेहराया जिसमे 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्तऋषि के अभिविन्यास में इस पर बने सात सितारे थे।

धवज के तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों में सबसे ऊपर केसरिया, जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है, बीच में श्वेत (सफेद) पट्टी, जो शांति और सत्य का प्रतीक है ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है, जो उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। सफ़ेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें 24 आरे होते हैं। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है।

राष्ट्रीय झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादी में ही बनना चाहिए, जो विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जिसे महात्मा गाँधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। खादी के इलावा किसी दूसरे कपड़े से बने राष्ट्रीय ध्वज़ को भारत में फहराने की बिल्कुल इज़ाजत नहीं है। इसी तरह भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण है, जिन के बारे में हम सब को जानकारी होनी चाहिये।

Essay on National Flag of India in Hindi 400 Words

प्रत्येक देश का अपना एक झंडा होता है। जिसे राष्ट्रीय धवज भी कहते है । यह किसी भी देश के गौरव का प्रतीक होता है । हमारे देश का झंडा ” तिरंगा ” है । इसमें तीन रंग की बराबर अनुपात की पट्टिया है । केसरिया, सफ़ेद और हरा इसलिए इसे तिरंगा कहते है । इसके तीनो रंग प्रतीक रूप है ।

पहली पटटी का रंग केसरी है । यह रंग वीरता और बलिदान का सूचक है । यह रंग हमे उन शहीदों की याद दिलाता है जिन्होंने देश को आज़ाद करवाने के लिए अपने प्राण तक नियोशावर कर दिए थे । दूसरी पट्टी का रंग सफ़ेद है । यह रंग शांति और सत्य का प्रतीक है । हम किसी भी देश के साथ युदृध नहीं करना चाहते। सबके साथ शान्ति और मित्रता चाहते हैं । मध्य की सफेद पटटी के बीच में एक नीले रंग का अशोक चक्र है । सम्राट अशोक ने महात्मा बुद्ध की शरण ली थी तथा शान्ति का मार्ग अपनाया था । चौबीस तीलियों वाला यह चक्र हमें हमें विकास की ओर बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है । तीसरी पटटी का रंग हरा है । यह रंग हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है । हरियाली लहलहाते खेतों, समृद्धि-उद्योग और व्यापार की उन्नति को प्रकट करती है ।

15 अगस्त 1947 क्रो पहली बार अंग्रेजों के झण्डे के स्थान पर हमारे तिरंगे को स्वतन्त्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर फहराया था | झंडा फहराते समय राष्ट्रीय-गान – “जन-गन-मन-अधिनायक ……..” गाया जाता है या फिर इस की धुन बजाई जाती है । उस समय हम सभी को सावधान खड़े होकर राष्टीय झण्डे क्रो सम्मान देना चाहिए ।

सभी राष्ट्रीय पर्वो और विशेष अवसरों पर स्कूलों, सरकारी कार्यालयों तथा मुख्य भवनों पर यह तिरंगा फहराया जाता है । 23 जनवरी 2004 में हमें यह अधिकार मिला है कि हम सार्वजनिक पार्कों में, घरों पर ससम्मान ये तिरंगा फहरा सकते हैं। राष्ट्रीय ध्वज हमारी आजादी, एकता, गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है ।

इस प्रकार हमारा राष्टीय झंडा हमें यह संदेश देता है कि हम वीरता, त्याग, शान्ति और प्रेम से अपने देश का निरन्तर विकास करते रहे । यह निरन्तर होने वाली उन्नति का प्रतीक है । हमारा कर्त्तव्य है कि हम इसकी रक्षा करे, शान में कोई कमी न आने दे और तिरंगा हमेशा ऊँचाइयों पर लहराता रहे । ‘झंडा ऊँचा रहे हमारा, विजयी विशव तिरंगा प्यारा ।

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