ताजमहल पर निबंध और इतिहास History and Essay on Taj Mahal in Hindi

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Essay on Taj Mahal in Hindi

hindiinhindi Essay on Taj Mahal in Hindi

Essay on Taj Mahal in Hindi 200 Words

ताजमहल एक बहुत खूबसूरत ऐतिहासिक इमारत है। जो कि मुगल बादशाह शाहाजाह ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में उनकी मृत्यु के पश्चात बनवाया था। यह भारत का एक सुन्दर पर्यटन स्थलों में से एक है। यह आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित है। ताजमहल दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है। यह पूर्णता संगमरमर से बनाया हुआ है जिससे इसकी सुन्दरता दुगनी हो जाती है। दुनिया भर से लोग इसे देखने के लिए भारत आते है। रात के समय चॉद की रोशनी में इसकी सुन्दरता देखने योग्य है।

ताजमहल आगरा के किले के बिल्कुल पीछे बना हुआ है। शाहाजाह ने अपनी पत्नी की याद में एक कब्र बनाने का निर्णय लिया और उसने ताजमहल का निर्माण कराया। ताजमहल वर्ष 1631 ई0 में बनवाया गया था इसके चारो कोनो में मीनारे है व बीच में एक बहुत बडा गुम्बद्व है। इसे बीस हजार मजदूरों द्वारा लगभग 20 सालों में बनाया गया था। ताजमहल को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में भी स्थान प्राप्त है।

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Essay on Taj Mahal in Hindi 300 Words

ताजमहल का इतिहास

कुछ रोज़ पहले अमेरिका से मेरे एक दोस्त भारत घूमने आए। वे उन सभी जगहों की सूची बनाकर लाए थे, जहाँ वे घूमना चाहते थे। सूची में पहला नाम था ताजमहल का। और हो भी क्यों न ? आखिर दुनिया-भर में ताजमहल भारत की सबसे बड़ी पहचान है। जब तक ताजमहल न देख लिया जाए, किसी भी देशी-विदेशी सैलानी का भारत भ्रमण पूरा नहीं होता। ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे बना हुआ है। इसलिए हम सबने मिलकर आगरा जाने की योजना बनाई।

दिल्ली से ट्रेन से वहाँ तक पहुँचने में हमें बस ढाई घंटा लगा। न केवल ताजमहल देखकर हमें बहुत मज़ा आया, बल्कि गाइड भैया ने हमें बहुत-सी रोचक बातें भी बताईं। उन्होंने हमें बताया कि इसे पाँचवें मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में 1631 में बनवाया था। जब शाहजहाँ एक सैनिक अभियान के सिलसिले में बुरहानपुर गए, तब मुमताज भी उनके साथ गईं। वहाँ अपनी 14वीं संतान को जन्म देते समय मुमताज की मृत्यु हो गई। कहते हैं कि इस बात से सम्राट् को बहुत दुःख पहुँचा। जब मुमताज जिंदा थीं, तब उन्होंने शाहजहाँ से चार वचन लिए थे, जिनमें से एक ताजमहल बनवाकर उनको वहाँ दफनाना भी था। बादशाह ने अपना वचन निभाया।

यह दुनिया का सबसे खूबसूरत मकबरा है, जिसके प्रधान वास्तुशास्त्री ईरान के उस्ताद इसा थे। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसे बनाने में चौदह साल लगे, तो कुछ कहते हैं कि यह बाईस साल में बनकर तैयार हुआ। यह मूल रूप से सफेद संगमरमर से बना है, जिसमें अट्ठाईस तरह के बहुमूल्य पत्थर और रत्न जड़े हैं। इसे बनाने का सामान पूरे भारत और एशिया से जुटाया गया था। बीस हजार मजदूरों ने 18 से 22 साल तक लगातार मेहनत कर वास्तुकला का यह बेजोड़ नमूना तैयार किया। ताजमहल सुबह गुलाबी, शाम को सफेद जबकि चाँदनी रात में सुनहरा दिखाई देता है। शाहजहाँ की मृत्यु के बाद उन्हें भी ताजमहल में दफना दिया गया। ताज को बेगम बादशाह के अमर प्रेम की निशानी के रूप में याद किया जाता है। यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है।

Essay on Taj Mahal in Hindi 500 Words

रूपरेखा : ऐतिहासिक स्मारकों का महत्त्व। ताजमहल का इतिहास, कला, सौंदर्य, अनुपम रूप, ताजमहल का शिल्प, ताजमहल और चाँदनी रात, उपसंहार।

किसी देश का शिल्प-सौंदर्य उसकी सभ्यता और संस्कृति के उत्कर्ष का परिचय देता है। भारत शिल्प-सौंदर्य की दृष्टि से एक अद्भुत देश है। इस देश के स्मारकों, स्तूपों, खंडहरों आदि में उच्चकोटि की कला के दर्शन होते हैं।

तमिलनाडु में मीनाक्षी मंदिर, राजस्थान में दिलवाड़ा जैन मंदिर, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर, महाराष्ट्र में अजंता और ऐलोरा की गुफ़ाएँ, उड़ीसा में पुरी और कोणार्क के मंदिर हमारी शिल्पकला की उत्कृष्टता, भव्यता और विविधता के उदाहरण हैं। भारत ने वास्तुकला, चित्रकला आदि ललित कलाओं के क्षेत्र में जो दक्षता प्राप्त की है, ये स्मारक उसी की गौरव गाथा सुनाते हैं। इन स्मारकों में आगरा के ताजमहल का विशेष स्थान है। इसकी पच्चीकारी और निर्माणकला को जो भी देखता है, वह चकित रह जाता है। श्वेत संगमरमर से बने इस स्मारक की उज्ज्वल आभा देखते ही बनती है। प्रतिवर्ष आने वाले हज़ारों पर्यटक ताजमहल के अवितीय सौंदर्य की सराहना करते नहीं थकते।

ताजमहल के अद्भुत और अनुपम सौंदर्य के कारण इसकी गणना संसार की सर्वश्रेष्ठ इमारतों में की जाती है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो वास्तुकला ने ताजमहल में अपनी चरम सीमा को पा लिया है।

ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम की स्मृति में करवाया था। 1632 ई। में ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। लगभग बीस हज़ार देशी-विदेशी कारीगरों ने इसे सत्रह वर्ष में बनाकर पूरा किया था। शाहजहाँ ने इसके लिए श्वेत संगमरमर मकराना (राजस्थान) से, लाल पत्थर जयपुर से मँगवाए थे।

ताजमहल के लिए कारीगरों ने आगरा के पास यमुना नदी के किनारे एक खुला और विस्तृत स्थान चुना। ताज का निर्माण एक आयताकार समतल भूमि-खंड पर किया गया है। उत्तर-दिशा में यमुना प्रवाहित है और तीन ओर बगीचे हैं। बगीचों को इस ढंग से सँवारा गया है कि पूरा दृश्य बहुत मनमोहक बन गया है।

ताज के गुंबद और मीनारें दूर से ही दिखाई देती हैं। आगरा के किले में एक ऐसा शीशा लगा हुआ है, जिसमें ताजमहल की पूरी परछाईं देखी जा सकती है। कहते हैं कि आगरा के किले में कैद शाहजहाँ के कहने पर औरंगज़ेब ने यह शीशा लगवाया था, ताकि शाहजहाँ अपनी प्रिय पत्नी का स्मारक हर समय देख सके। मृत्यु के पश्चात् शाहजहाँ को भी उसकी इच्छानुसार यहीं दफ़नाया गया था।

ताजमहल के पास आने पर पहले लाल पत्थर के परकोटे दिखाई देते हैं। लाल पत्थर का विशाल फाटक पार करते ही वाटिका का सौंदर्य दर्शकों को आकृष्ट करने लगता है।

ताजमहल एक ऊँचे भव्य चबूतरे पर बना है। पूरा चबूतरा सफ़ेद संगमरमर का है और इसी के ऊपर दूध-सी सफ़ेद मीनारें हैं। शाहजहाँ और बेगम मुमताज़ का मकबरा सादगी भरे सौंदर्य का अनूठा नमूना है। ऊँचे गुंबद के नीचे मुमताज़ और शाहजहाँ चिरनिद्रा में सोए हुए हैं। इस गुंबद की दीवारों पर अद्भुत पच्चीकारी की गई है। संगमरमर के चार दालान अपनी भव्यता में बेजोड़ हैं। इन दालानों में बहुमूल्य पत्थरों को तराश कर बेल बूटे बनाए गए हैं। । जितनी बार ताजमहल को देखा जाए उतनी बार वह नया-सा प्रतीत होता है। इसे एक बार देखकर मन तृप्त नहीं होता। देखने की इच्छा बार-बार मन में उठती है। चाँदनी रात में तो ताज का धवल सौंदर्य देखते ही बनता है। शरद पूर्णिमा के दिन इसे देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।

ताजमहल हमारी अमूल्य धरोहर है। इसकी सुंदरता की रक्षा करना हमारा पुनीत कर्तव्य है।

Essay on Taj Mahal in Hindi 700 Words

ताजमहल – एक ऐतिहासिक धरोहर

प्रेम की अमर कृति, ताजमहल एक विश्व प्रसिद्ध स्मारक है। प्रेम की श्रेष्ठता और उच्चता को सदैव संसार के समक्ष रखते रहने वाला एक महान स्मारक है ताजमहल। सचमुच इसमें प्रेम की निगूढतम भावनाएं समाई हुई हैं। प्रेम की चिर-कालीनता और शाश्वतता को मूर्त करने वाला यह विश्व का एकमात्र स्मारक है। आज विश्व का कोई भी प्रेमी युगल ऐसा नहीं होगा, जो इसके दर्शन करके अपने प्रेम को भी इस अमर प्रेम की कृति में शामिल कर देने का स्वप्न न देखता हो। हर प्रेमी-युगल अपने जीवन में एक ऐसा ही ताजमहल अपने प्रेमी के लिए बनाना चाहता है, पर कोई कर नहीं पाता। किन्तु इससे उसमें किसी प्रकार का क्षोभ पैदा नहीं होता अपितु वह प्रेम की इस उदात्त-कृति को अपने ही प्रेम का प्रतीक मानता है और इस संसार में अपने प्रेम की सार्थकता को और भी गहराई से महसूस करता है। ‘ताजमहल प्रेमी-हृदय जनों का कण्ठहार है’ इससे इंकार नहीं किया जा सकता।

मेरे एक परम-मित्र अपनी पत्नी के साथ ताजमहल देखकर कल शाम ही वापस लौटे हैं। वह आज सुबह-सुबह ही मेरे घर आ पहुँचे। उनका चेहरा ओजशील दिखलायी पड़ रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह भावनाओं के एक विकराल झंझावात को अपने में संजोए उसे तन्मय होकर अभिव्यक्त कर देना चाहते थे। कह देना चाहते हैं किसी को अपनी सारी बातें मैं उनकी इस भावना को अब तक समझ चुका था। अन्दर वाले कक्ष में बैठाकर पहले उनकी कुशल-क्षेम पूँछी। उसके बाद मैंने उससे उसकी ताज यात्रा के बारे में पूछा। अब तो उसका भावातिरेक चरम सीमा तक जा पहुंचा था और इस भावातिरेक की स्थिति में वह निरन्तर यह सोच-विचार कर रहे थे कि वह बात को कहाँ से शुरू करें। उनकी इस स्थिति का कारण मैं आज सारा दिन सोचता रहा। हालांकि, मैं कारण जानता भी हूँ। वह कारण है ‘ताज के अत्यंत पावन हृदयग्राही सौन्दर्य द्वारा मेरे मित्र के सम्पूर्ण भावजगत को आवृत कर लेना।’ इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि जिस किसी ने भी कभी इस प्रभावशाली स्मारक को देखा है। वह अपने जीवन में फिर कभी इसे भूल नहीं सका। विश्व के नामी-गिरामी लोग यदा-कदा इसके दर्शन की लालसा में बंधे भारत चले आते हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब विश्व के कोने-कोने से इसे देखने लोग न पहुंचते हों।

ताज सफेद संगमरमर से बनी एक अभूतपूर्व इमारत है। शाहजहाँ इसे अपने राज्यकाल में अपनी सर्वाधिक एवं एकमात्र प्रिय बेगम मुमताज की मधुर स्मृति में बनवाया था। यह स्मारक एक कब्रगाह होते हुए भी सारे समाज के लिए प्रेम का प्रतीक बना हुआ है और यह प्रेम का महनीय प्रतीक सैंकड़ो वर्षों से, यमुना के किनारे जरा मरण से सर्वदा मुक्त आज भी खड़ा हुआ है। यह पूरी तरह एक सफेद संगमरमर से निर्मित है। इसके चारों कोने पर गगनचुम्बी मीनारें विद्यमान हैं। जो न केवल इसकी चार-भुजाओं सी प्रतीत होती हैं, अपितु ताज के सौन्दर्य में चार गुनी वृद्धि भी करती हैं। इन मीनारों में अन्दर की तरफ सीढ़ियाँ है जिनसे चढ़कर लोग उनके उपर पहुंच जाते हैं। वहां से वह पूरा शहर, जिसके हृदय में ताजमहल बसा हुआ है, अप्रतिम सौंदर्य से मंडित दिखलायी पड़ने लगता है। हालाँकि आजकल इन मीनारों में प्रवेश प्रतिबन्धित कर दिया गया है, क्योंकि कुछ एक जीवन से हारे हुए लोग यहां से कूद कर अपनी जान दे चुके हैं। सावधानी वश आज-कल इन्हें बन्द ही रखा जाता है।

आप जब कभी ताज-भ्रमण को जाएँगे तो सर्वप्रथम आप कुछेक छोटी-छोटी गलियों से निकल कर ताज के मुख्य परिसर में प्रवेश करेंगे और फिर कुछ दूरी तय करके दाहिनी ओर आपको एक विशाल दरवाजा दिखलायी पड़ेगा, जो लाल पत्थर से बना हुआ है। जैसे ही आप उस दरवाजे पर पहुचेंगे आपको धवल कांति से युक्त एक सफेद इमारत दिखाई देगी यही इमारत है ताजमहल। जिसके बारे में आपको किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह स्वयं आपको अपने प्रभाव में ले लेगा। आप उसके परम सौंदर्य में कुछ इस प्रकार डूबेंगे कि आप को अपना किंचित भी ध्यान नहीं रहेगा। हमें यह पूरा विश्वास है कि आप जल्द ही विश्व के इस आठवें आश्चर्य को देखने अवश्य जाएँगें।

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