Hindi Muhavare in Hindi with Meanings and Sentences हिंदी मुहावरे और अर्थ

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Hindi Muhavare in Hindi

मुहावरे/ Hindi Muhavare with meanings and sentences on topic or words like अ, आ, इ, श और स।

नीचे हिंदी में प्रयुक्त कुछ महत्त्वपूर्ण मुहावरे अर्थ और वाक्य-प्रयोग सहित दिए जा रहे हैं।

Hindi Muhavare on (अ)

1. अंग अंग ढीला होना (बहुत थक जाना)
आज सुबह से रात तक इतनी दौड़ धूप की है कि मेरा अंग अंग ढीला हो रहा है।

2. अंगारे उगलना (कठोर वचन कहना, जली कटी सुनाना)
बच्चों ने लालाजी की नई कार का शीशा तोड़ डाला तो लाला जी अंगारे उगलने लगे।

3. अंगूठा दिखाना (साफ इनकार करना)
मैंने सोचा था कि मेरा मित्र मनोहर मेरी उदारतापूर्वक सहायता करेगा, परंतु उसने तो सहायता के नाम पर अँगूठा दिखा दिया।

4. अंगारों पर पैर रखना (जोखिम का काम करना, खतरा मोल लेना)
मिलिट्री के नौजवानों को काम सरल नहीं है। यह समझ लो कि उन्हें नित्य अंगारों पर पैर रखना पड़ता है।

5. अंधे की लकड़ी (एकमात्र सहारा)
अरे भाई। सेठ जी स्वर्ग सिधार गए हैं। अब तो यह नन्ही बालक ही सेठानी के लिए अंधे की लकड़ी है।

6. अंधेरे घर का उजाला (होनहार पुत्र, जिस पर आशाएँ टिकी हों)
गोवर्धन दास के शेष पाँचों पुत्र नालायक हैं। यही मनीष उनके अँधेरे घर का उजाला है।

7. अँधेर मचाना/अँधेरगर्दी मचाना (लूट मचाना/अन्याय करना)
आजकल जब सारे राजनेता घोटाले करने में जुटे हुए हैं तो सामान्य व्यापारी अँधेरगर्दी क्यों न करे। अँधेर क्यों न मचाएँ ?

8. अक्ल का दुश्मन (मूर्ख)
इंद्रजीत से तुम किसी समझदारी की उम्मीद न करना। वह अक्ल का दुश्मन है।

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9. अक्ल के घोड़े दौड़ाना (बहुत सोच-विचार और उपाय करना)
जब मनुष्य किसी चक्रव्यूह में फँस जाती है तो चाहे अक्ल के कितने घोड़े दौड़ा ले, परंतु उससे निकल नहीं पाता।

10. अक्ल पर पत्थर पड़ना (बुद्धि भ्रष्ट होना)
जब मुसीबत सिर पर मँडराती है तो कोई उपाय नहीं सूझता। सबकी अक्ल पर पत्थर पड़ जाते हैं।

11. अगर मगर करना (टाल-मटोल करना)
देख लेना रमेश तुम्हारी सहायता नहीं करेगा। अगर मगर करके चलता कर देगा।

12. अड़ियल ट्टू (हठी)
वत्सराज को बड़ी कोमलता और मधुरता से समझाना। वह अड़ियल टट्टू एक बार बिगड़ गया तो टस से मस नहीं होगा।

13. अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ सिद्ध करना)
आजकल के राजनीतिज्ञों को देश-सेवा से कुछ लेना-देना नहीं। वे तो अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं।

14. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना (लज्जित होना)
जब भरी सभा में नेता जी का अपराध सिद्ध हो गया तो वे अपना-सा मुँह लेकर रह गए।

15. अपना ही राग अलापना (अपनी ही बात कहते जाना)
संसद भवन में सभी दल अपना ही राग अलापते रहते हैं, दूसरों की बात समझने की चेष्टा नहीं करते।

16. अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहना)
भारत की छोटी-छोटी रियासतें अपनी खिचड़ी अलग पकाती रहीं, इसलिए अंग्रेजों ने आसानी से उन्हें जीत लिया।

17. अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना (स्वयं अपने लिए मुसीबत पैदा करना)
मेरे मित्र ! अब भी सँभल जाओ। उस गुंडे से दुश्मनी मोल लेकर अपने पाँव पर कुल्हाड़ी न मारो।

18. अपने मुँह मियाँ मिटहु बनना (स्वयं अपनी प्रशंसा करना)
कोई दूसरा तुम्हारी प्रशंसा करे तो बात भी है। अपने मुँह मियाँ मिटहु बनने से तो अपमान ही मिलता है।

Hindi Muhavare on (आ)

19. आँख दिखाना (गुस्सा प्रकट करना)
लड़के को कक्षा में सिगरेट पीते देख गुरुजी ने उसे आँख दिखाई। तभी लड़के को अक्ल आई।

20. आँखें खुलना (होश आना)
जब तक उसका जुए में सब कुछ नहीं लुट गया, तब तक उसकी आँखें नहीं खुलीं।

21. आँखें चार होना (प्यार होना)
नायक और नायिका ने एक-दूसरे की ओर देखा और पहली ही नज़र में उनकी आँखें चार हो गई।

22. आँखें चुराना (अनदेखा करना)
मित्र को मुसीबत में पड़ा देखकर सच्चे मित्र उससे आँखें नहीं चुराते।

23. आँखें पथरा जाना (स्तब्ध रह जाना)
अपने इकलौते पुत्र की दुर्घटना का समाचार सुनते ही माता-पिता की आँखें पथरा गई।

24. आँखें फेर लेना (विमुख होना, दूर होना)
सच्चे मित्र मुसीबत में पड़े मित्र की सहायता करते हैं। उससे आँखें नहीं फेरते।

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25. आँखों का तारा (बहुत प्यारा)
माँ में इतनी अधिक ममता होती है कि उसे अपना पुत्र आँखों का तारा लगता है।

26. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)
इन ठग कंपनियों से सावधान रहना। इनके मालिक एक-न-एक दिन आँखों में धूल झोंककर नदारद हो जाएँगे।

27. आँच न आने देना (तनिक कष्ट न होने देना)
सुरेश ने भाई के सारे कष्ट खुद झेल लिए किंतु भाई पर आँच नहीं आने दी।

28. आकाश के तारे तोड़ना (असंभव काम करना)
इन नए-नए प्रेमियों की बातों पर विश्वास न करना। अपनी प्रेमिकाओं को आकाश के तारे तोड़ लाने की बात कहना भी इनकी चाल होती है।

29. आकाश-पाताल का अंतर (बहुत अधिक अंतर)
अमेरिका के धनवानों और भारत के दलितों के रहन-सहन में आकाश-पाताल का अंतर है।

30. आकाश-पाताल एक करना (बहुत परिश्रम करना)
दलितों ने अपने उत्थान के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया, परंतु उनकी दुर्दशा ने उन्हें उबरने न दिया।

31. आग बबूला होना (क्रोध से भर जाना)
बेटे को जुआ खेलते देख पिता आग-बबूला हो गया।

32. आग में घी डालना (क्रोध को बढ़ाना)
पिता पहले से ही नाराज़ थे। तुम्हारी शिकायत ने तो आग में घी डाल दिया।

33. आटे-दाल का भाव मालूम होना (कष्ट का अनुभव होना)
तुम्हें शादी में मजे ही मजे दिखाई देते हैं। शादी करोगे तो आटे-दाल का भाव मालूम होगा।

34. आपे से बाहर होना (बहुत क्रोधित होना)
शरारती संजय द्वारा कक्षा में मार-पीट करने पर गुरुजी आपे से बाहर हो गए।

35. आसमान से बातें करना (बहुत ऊँचा होना)
बाप रे! मुंबई की बहुमंजिली इमारतें तो आसमान से बातें करती नजर आती हैं।

36. आसमान सिर पर उठाना (बहुत शोर करना)
अध्यापक के कक्षा से बाहर जाते ही छात्रों ने बोल-बोलकर आसमान सिर पर उठा लिया।

37. आस्तीन का साँप (धोखा देने वाला साथी)
यशपाल तुम्हारा मित्र अवश्य है, पर तुम उस पर विश्वास न करना। वह आस्तीन का साँप है।

Hindi Muhavare on (इ)

38. इशारे पर नाचना (वश में होना)
राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्रीय सरकार से सहयोग पाने के लिए प्रधानमंत्री के इशारे पर नाचते हैं।

Hindi Muhavare on (ई)

39. ईंट का जवाब पत्थर से देना (आक्रमण का उत्तर जोरदार आक्रमण से देना)
अगर पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया तो भारत ईंट का जवाब पत्थर से देगा।

40. ईंट से ईंट बजाना (समूल नष्ट-भ्रष्ट कर देना)
कारगिल के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना की ईंट से ईंट बजा दी थी।

41. ईद का चाँद (बहुत कम दिखाई देने वाला)
पहले तो तुम रोज नज़र आते थे, परंतु अब तो ईद के चाँद हो गए हो।

Hindi Muhavare on (उ)

42. उँगली पर नचाना (वश में कर लेना)
अमेरिका आर्थिक सहायता के नाम पर भारत को उँगली पर नचाना चाहता है।

43. उधेड़बुन में पड़ना (सोच-विचार या दुविधा में पड़ना)
मैं दसवीं के बाद विज्ञान हूँ या वाणिज्य, बस इसी उधेड़बुन में पड़ा हुआ हूँ।

44. उन्नीस-बीस का अंतर ( बहुत कम अंतर होना)
क्रिकेट खेलने में जहाँ सचिन अच्छा खिलाड़ी है, वहाँ धोनी भी कम नहीं। दोनों में उन्नीस-बीस का अंतर है।

45. उलटी गंगा बहाना (विपरीत कार्य करना)
लोग पैसे जोड़कर फिर खर्च करने की सोचते हैं। तुम पहले खर्च करके फिर पैसे जुटा रहे हो। आखिर यह उलटी गंगा क्यों बहा रहे हो ?

46. उलटी-सीधी सुनाना (बुरा-भला कहना)
बीमार सास ने बहू को रोटी बनाने को कहा तो वह उसे उलटी-सीधी सुनाने लगी।

47. उल्लू बनाना (मूर्ख बनाना)
स्कूल जाने के नाम पर फिल्म देखना माँ-बाप को उल्लू बनाना है।

Hindi Muhavare on (ए)

48. एक और एक ग्यारह होना (संगठन में शक्ति होना)
तुम यह समझ लो कि मिलकर काम करने से सफलता मिलेगी। आखिर एक और एक ग्यारह होते हैं।

49. एक थैली के चट्टे-बट्टे होना (सभी का एक-सा होना)
महाशय ! न तुम रामू पर विश्वास करना, न रहीम पर। दोनों एक थैली के चट्टे-बट्टे हैं।

50. एड़ी-चोटी का जोर लगाना ( भरपूर प्रयत्न करना)
इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए छात्र एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं।

Hindi Muhavare on (क)

51. कच्ची गोलियाँ खेलना (अनुभव की कमी होना)
उसने मुझे धोखा देने की कोशिश की थी, परंतु मैं भी कच्ची गोलियाँ नहीं खेला हूँ। उसे मजा चखा कर रहूँगा।

52. कड़वे पूँट पीना (कष्टदायक बात सहन कर जाना)
जुए में हारने के लिए पांडव इतने विवश थे कि उन्हें द्रौपदी के अपमान का कड़वा पूँट पीना पड़ा।

53. कंधे-से-कंधा मिलाना (सहयोग करना)
यह विशाल कार्य किसी एक व्यक्ति के बस का नहीं है। इसे पूरा करने के लिए सबको कंधे-से-कंधा मिलाकर चलना होगा।

54. कन्नी काटना (बचना)
मेरा दोस्त रोज मेरे घर आता था। जब से पैसे उधार ले गया है, न जाने क्यों कन्नी काटने लगा है।

55. कमर कसना (तैयार होना)
जवानो ! शत्रु कभी भी हमला कर सकता है। इसलिए युद्ध के लिए कमर कस लो।

56. कमर टूटना (हिम्मत टूट जाना)
भरी-पूरी दुकान में आग लगने से लाला छगनमल की कमर ही टूट गई।

57. कलेजा छलनी होना (बहुत दुखी होना)
पुत्र की मौत का समाचार सुनकर पिता का कलेजा छलनी हो गया।

58. कलेजा फटना (असहनीय दुख होना)
अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनकर माँ का कलेजा फट गया।

59. कलेजा मुँह को आना (अत्यधिक दुखी होना) भीषण दुर्घटना में क्षत-विक्षत घायलों को देखकर मेरा कलेजा मुँह को आ गया।

60. कलेजे पर पत्थर रखना (धीरज रखना, चुपचाप दुख सहन करना)
इकलौते बेटे की मृत्यु होने पर भी माँ-बाप को कलेजे पर पत्थर रखकर जीना पड़ता है।

61. काँटे बिछाना (मार्ग में मुसीबत खड़ी करना)
दुर्योधन ने पांडवों के लिए पग-पग पर काँटे बिछाए, परंतु वे सब मुसीबतें सहर्ष पार कर गए।

62. काँटा दूर होना (कठिनाई दूर होना)
यह झगड़ालू पड़ोसी शहर छोड़कर चला गया। चलो हमारा एक काँटा दूर हुआ।

63. कान कतरना/ काटना (बहुत अधिक चालाक होना)
इस छुटकू को कम न समझना। यह बड़ों-बड़ों के कान कतरताकाटता है।

64. कान का कच्चा होना (शीघ्र विश्वास करने वाला)
मोहन इतना कान का कच्चा नहीं है कि तुम्हारे कहने भर से मान जाए। वह पहले जाँच करेगा तब मानेगा।

65. कान पर जूं न रेंगना (असर न होना)
मैंने उस ढीठ हिमांशु को खूब समझाया, परंतु उसके कान पर जूं भी नहीं रेंगी।

66. कान भरना (चुगली करना)
मुहल्ले की बूढियाँ करती-धरती कुछ नहीं। एक-दूसरे के विरुद्ध कान भरती रहती हैं।

67. कानों-कान खबर न होना (बिल्कुल खबर न होना)
आजादी का आंदोलन चलाने वाले क्रांतिकारी इतने चुपचाप काम करते थे कि किसी को कानों-कान खबर नहीं होती थी।

68. काम तमाम करना (मार देना)
शिकारी ने एक ही गोली से हिंसक शेर का काम तमाम कर दिया।

69. कालिख पोतना (बदनाम करना)
जुआ खेलकर बेटे ने अपने पिता की इज्जत पर कालिख पोत दी।

70. किताब का कीड़ा (हर समय पढ़ते रहने वाला)
शर्मा जी, बच्चे को कभी पढ़ने से फुरसत भी दिया करो। किताब का कीड़ा बनने से यह स्वास्थ्य खो बैठेगा।

71. किरकिरा होना (मजा बिगड़ जाना)
पिकनिक वाले दिन आँधी आने से पिकनिक का सारा मजा किरकिरा हो गया।

72. कीचड़ उछालना (बदनामी करना)
अल्हड़ छोकरे जवानी के नशे में आकर सज्जनों के चरित्र पर भी कीचड़ उछालने से नहीं चूकते।

73. कुत्ते की दुम (सदैव कुटिल)
यह कुलदीप चाहे सौ बार माफी माँग ले, परंतु सीधा नहीं होगा। यह तो कुत्ते की दुम है।

74. कुत्ते की मौत मरना (दुखपूर्ण मौत मरना)
अरे राक्षस ! तूने मुझे परेशान किया है। देखना, तू भी कुत्ते की मौत मरेगा।

75. कोल्हू का बैल (लगातार काम में लगे रहना)
गुप्ता जी की जिंदगी पर तरस आता है। दिन-रात काम-ही-काम ! बेचारे कोल्हू के बैल बने रहते हैं।

Hindi Muhavare on (छ)

76. खटाई में पड़ना (काम में अड़चन पड़ना)
बिजली न होने के कारण फैक्टरी का उत्पादन कार्य खटाई में पड़ गया है।

77. खरी-खरी सुनाना (स्पष्ट और कठोर वचन कहना)
अगर सोहन की चोरी सिद्ध हो गई तो मैं उसे खरी-खरी सुनाकर रहूंगा।

78. खाई पाटना (मनमुटाव कम करना)
मैंने दोनों से बातचीत करके उनके मन की खाई पाटने की खूब कोशिश की, किंतु वे नजदीक आना ही नहीं चाहते।

79. खाक छानना (कष्ट उठाना)
महाराणा प्रताप को भी आज़ादी के लिए जंगलों की खाक छाननी पड़ी।

80. खाक में मिलाना (नष्ट-भ्रष्ट कर देना)
अमेरिका ने इराक पर भीषण बमबारी करके उसके सैनिक अड्डों को ख़ाक में मिला दिया।

81. खिल्ली उड़ाना (हँसी उड़ाना)
नवयुवक विवाह की रस्मों को मज़ाक मानते हैं। इसलिए वे पंडित जी की खिल्ली उड़ाने से नहीं चूकते।

82. खून का घूंट पीना (क्रोध को भीतर ही भीतर सहना)
नवयुवकों को अपनी खिल्ली उड़ाते देख पंडित जी खून का घूंट पीकर रह गए।

83. खून का प्यासा (भयंकर शत्रु)
जिस दिन दुर्योधन ने द्रौपदी के वस्त्र-हरण किए, तभी से भीम उसके खून का प्यासा हो गया।

84. खून-पसीना एक करना (बहुत परिश्रम करना)
पांडवों ने इंद्रप्रस्थ के उजाड़ में अपना महल बनाने के लिए खून-पसीना एक कर दिया।

85. खून सूखना (डर जाना)
सहसा शेर को सामने पाकर मेरा खून सूख गया।

86. ख्याली पुलाव पकाना (कपोल कल्पनाओं में डूबे रहना)
कर्मवीर युवक जीवन में कुछ कर गुजरते हैं, जबकि स्वप्नजीवी लोग ख्याली पुलाव पकाते रहते हैं।

Hindi Muhavare on (ग)

87. गज भर की छाती होना (गौरव से भर जाना)
पुत्र के प्रथम आने पर पिता की छाती गज भर की हो गई।

88. गड़े मुर्दे उखाड़ना (पिछली बातें याद करना)
यदि घर में शांति चाहते हो तो आज की समस्या पर बात करो; गड़े मुर्दै मत उखाड़ो।

89. गर्दन उठाना (विरोध करना)
चाणक्य की यह नीति थी कि जो भी दुष्ट गर्दन उठाए उसे वहीं कुचल दो।

90. गर्दन झुकना (लज्जित होना)
पुत्र के काले कारनामों को सुनकर पिता की गर्दन झुक गई।

91. गर्दन पर सवार होना (पीछे पड़े रहना)
छात्रो ! अपनी-अपनी जगह पर शांति से बैठे रहो। मेरे पास जमघट लगाकर मेरी गर्दन पर सवार न होओ।

92. गले का हार (बहुत प्यारा)
मैं अपने बेटे को परेशानी में छोड़कर कहीं नहीं जा सकती। वही तो मेरे गले का हार है।

93. गले पड़ना (मुसीबत पीछे पड़ना)
मैंने एक भिखारी को पैसे दिए तो आस-पास खड़े सभी भिखारी मेरे गले पड़ गए।

94. गले मढ़ना (जबरदस्ती काम सौंपना)
मैंने प्राचार्य को बार-बार इनकार किया, परंतु उन्होंने यह काम मेरे गले मढ़ ही दिया।

95. गागर में सागर भरना (सारगर्भित वचन कहना; थोड़े में बहुत कहना)
महाकवि बिहारी का एक-एक दोहा बहुत बड़े अर्थ को समेटे हुए है। सचमुच उन्होंने गागर में सागर भर दिया है।

96. गिरगिट की तरह रंग बदलना (सिद्धांतहीन होना)
अमन पर विश्वास न करना। वह गिरगिट की तरह रंग बदल लेता है।

97. गीदड़ भभकी (व्यर्थ की धमकी)
यह अफ़सर डरपोक है। मैं इसकी गीदड़ भभकियों से डरने वाला नहीं हैं।

98. गुड़ गोबर कर देना (बात बिगाड़ देना)
ये बच्चे चुपचाप पढ़ाई में लीन थे। तुमने इन्हें फ़िल्म दिखाने की बात कहकर सब गुड़ गोबर कर दिया।

99. गुदड़ी का लाल (निर्धन परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति)
लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री के पद पर पहुँचकर सिद्ध कर दिया कि वे गुदड़ी के लाल थे।

100. गुल खिलाना (नया कार्य करना)
मैं जानता था कि ठग नटवरलाल जेल में रहकर भी कोई गुल अवश्य खिलाएगा।

101. गुलछरें उड़ाना (मौज करना)
इस पापी की माँ मरने के करीब है और यह यहाँ गुलछरें उड़ा रहा है।

102. गुस्सा पीना (क्रोध को रोकना)
भरी कक्षा में अपमान होने पर भी अध्यापक महोदय गुस्सा पी गए।

103. गोबर गणेश (निरा मूर्ख)
गोबरधन को सलाह न मान लेना। वह तो गोबर गणेश है।

104. गोलमाल करना (गबन करना)
इनकम टैक्स अधिकारी भ्रष्टाचारियों को क्या पकड़ेंगे ? ये सभी तो स्वयं गोलमाल करने में दक्ष हैं।

105. घड़ों पानी पड़ना (अत्यंत लज्जित होना)
खुलेआम चोरी करते हुए पकड़े जाने से उस पर मानो घड़ों पानी पड़ गया।

106. घर का उजाला (इज्जत बढ़ाने वाला)
हमारे घर में अन्य सभी तो सामान्य हैं। यही छोटा भाई है, जो प्रतिभा के बल पर घर का उजाला बनेगा।

107. घाट-घाट का पानी पीना (अत्यंत अनुभवी होना)
मेरी ये उम्र देखकर अनाड़ी न समझना। मैंने घाट-घाट का पानी पी रखा है।

108. घाव पर नमक छिड़कना (दुखी को और दुखी करना)
फेल होने के कारण पीयूष पहले ही दुखी है। अब तुम व्यंग्य कसकर उसके घाव पर नमक छिडक रहे हो।

109. घी के दिए जलाना (खुशियाँ मनाना)
मंत्रो-पद पाने के उत्साह में मोहनदेव के गाँव वालों ने घी के दिए जलाए।

110. घुटने टेकना (हार मान लेना)
अभिमन्यु आखिरी साँस तक महारथियों से जूझता रहा किंतु उसने घुटने नहीं टेके।

111. घोड़े बेचकर सोना (निश्चित होना)
बरात के विदा होने पर वधू के परिवार-जन घोड़े बेचकर सोए पड़े थे।

112. घोड़े पर सवार होना (शोषता में होना)
भाई साहब! और भी ग्राहक खड़े हैं। आप यूँ घोड़े पर सवार होकर न आया करो।

Hindi Muhavare on (च)

113. चंपत हो जाना (गायब हो जाना)
पुलिस की गाड़ी आती देख चोर चंपत हो गए।

114. चाँद पर थूकना (निर्दोष पर दोष लगाना)
उस महात्मा का चरित्र-हनन करना चाँद पर थूकना है।

115. चाँदी होना (लभ ही लाभ होना)
यदि मेरी लाटरी निकल आई तो चाँदी हो जाएगी।

116. चादर तानकर सोना (निश्चित होना)
माँ जी, मेरो वार्षिक परीक्षा होने दो। उसके बाद मैं चादर तानकर सोऊँगा।

117. चार चांद लगाना (शोभा बढ़ाना)
हमारा प्रियंकर विद्यालय में तो प्रथम आता ही था, अब पूरे बोर्ड में प्रथम स्थान पाकर उसने चार चाँद लगा दिए हैं।

118. चार सौ बीस होना (धोखेबाज होना)
अपरिचित नौकरों में सावधान रहना। इनमें से कई तो पक्के चार सौ बीस होते हैं।

119. चिकना घड़ा होना (बेअसर होना)
अकसर इकलौते बेटे माँ-बाप के लाड़-प्यार से शह पाकर ऐसे चिकने घड़े हो जाते हैं कि वे हर बात हवा में उड़ा है।

120. चिकनी-चुपड़ी बातें करना (खुशामद करना)
अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को हर प्रशंसा को सच मत माना करो। उनकी तो चिकनी-चुपड़ी बातें करने की आदत होती है।

121. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना (घबरा जाना)
इनकम टैक्स दस्ते को दुकान पर चढ़ता देख सेठ जी के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।

122. चैन की बंशी बजाना (आनंद से रहना)
जिस प्रदेश में नागरिकों को चोरी और लूट-पाट का डर नहीं होता, वहाँ के नागरिक चैन की बंशी बजाते हैं।

123. चोली-दामन का संबंध होना (अटूट संबंध होना)
भला छात्र का विद्यालय से कैसे संबंध टूट सकता है। उनका परस्पर चोली-दामन का संबंध है।

124. च्यूँटी के पर निकलना (छोटे व्यक्ति का घमंड करना)
कॉलेज में प्रवेश लेने पर बड़े घरों के बच्चे ही नहीं, च्यूटियों के भी पर निकल आते हैं।

Hindi Muhavare on (छ)

125. छक्के छुड़ाना (बुरी तरह हराना)
भारतीय सेना पाक-सेना पर इतनी भारी पड़ी कि कुछ ही घंटों में उसके छक्के छुड़ा दिए।

126. छठी का दूध याद आना (बहुत कष्ट होना)
पुलिस ने चोर की ऐसी जबरदस्त धुनाई की कि उसे छठी का दूध याद आ गया।

127. छप्पर फाड़कर देना (बिना प्रयत्न के खूब देना)
अरे, ईश्वर को दोष मत दो। वह कृपालु जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है।

128. छाती पर मूँग दलना (मुंह के सामने दुखदायक व्यवहार करना)
पहले यह छिपकर जुआ खेलता था, अब घर में जुआरियों का अड्डा जमाकर मेरी छाती पर मूँग दलता है।

129. छाती पर साँप लोटना (ईष्र्या से जलना)
पांडवों को इंद्रप्रस्थ के शानदार महल में सुख-सुविधाएँ भोगते देख दुर्योधन की छाती पर साँप लोटने लगे।

130. छिपा रुस्तम (देखने में साधारण, वास्तव में गुणी)
दिल्ली की गलियों में घूमने वाला वीरेंद्र सहवाग छिपा रुस्तम निकला। उसने तीन शतक जमाकर सबको हैरत में डाल दिया।

131. छूमंतर होना (ग़ायब होना)
सिपाही को देखकर चोर न जाने कहाँ छूमंतर हो जाते हैं।

Hindi Muhavare on (ज)

132. जमीन पर पैर न पड़ना (घमंड होना)
जब से मंगतराम को मंत्री पद मिला है, तब से उसके पैर ज़मीन पर नहीं पड़ते।

133. जहर का घूँट पीना (अन्याय सहन करना)
बच्चों की गलतियों के कारण कई बार बातें सुननी पड़ीं। पर क्या करें, उनके लिए जहर का पूँट पीना ही पड़ता है।

134. जले पर नमक छिड़कना (दुखी व्यक्ति को और दुखी करना)
इस बेचारे अपाहिज की खिल्ली उड़ाकर तुम क्यों जले पर नमक छिड़क रहे हो।

135. जान पर खेलना (जान को संकट में डाल कर काम करना)
सच्चे शूरवीर अन्याय से लड़ने के लिए अपनी जान पर भी खेल जाते हैं।

136. जी चुराना (मेहनत से बचना)
बच्चो ! परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए खूब पढ़ो। कभी पढ़ाई से जी न चुराओ।

137. जूती चाटना (खुशामद करना)
धूर्त, निकम्मे और स्वार्थी कर्मचारी कुछ काम करने की बजाय अपने अफ़सर की जूतियाँ चाटने में समय बर्बाद करते है।

Hindi Muhavare on (झ)

138. झंडा गाड़ना ( धाक जमा देना)
सुनीता ने पूरे बोर्ड में प्रथम आकर झंडा गाड़ दिया।

Hindi Muhavare on (ट)

139. टका-सा जवाब देना (साफ़ इनकार करना)
मैं समझता था कि प्रवीण मुसीबत में मेरी सहायता करेगा। परंतु उसने तो टका-सा जवाब दे दिया।

140. टाँग अड़ाना (व्यर्थ में दखल देना)
मित्र ! जब तुम्हारा उस बात से कुछ लेना-देना नहीं है तो क्यों उसमें टाँग अड़ाते हो।

141. टाँगें पसार कर सोना (निश्चित होकर सोना)
भाई, परीक्षाएँ पूरी होने दो। फिर देखना हम कैसे टाँग पसार कर सोते हैं।

142. टाल-मटोल करना ( बहाने बनाना)
मोहन ने मेरी कुछ भी सहायता नहीं की। बस टाल-मटोल करके चलता कर दिया।

143. टोपी उछालना (अपमानित करना)
बात-बात पर माँ-बाप की टोपी उछालने वाले युवक स्वयं भी समाज में सम्मान नहीं पा सकते।

144. टेढ़ी अँगुली से घी निकालना (चतुराई या सख्ती से काम लेना)
बच्चो ! चुपचाप काम करो। वरना मुझे टेढ़ी अँगुली से घी निकालने को मजबूर होना पड़ेगा।

Hindi Muhavare on (ठ)

145. ठोकरें खाना (मुसीबतें सहना)
महाराणा प्रताप ने आजादी प्राप्त करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाई।

Hindi Muhavare on (ड)

146. डंके की चोट पर कहना (निर्भीक होकर कहना)
मैं बात करने में लाग-लपेट नहीं करता। जो भी कहता हैं, डंके की चोट कहता हैं।

147. डींगें हाँकना (अपनी बडाई का बखान करना)
सच्चा शूरवीर कर्म करके दिखाता है, केवल डींगें नहीं हाँकता।

Hindi Muhavare on (ढ)

148. ढोल पीटना (सब में मशहूर करना)
मेरे दोस्त ! हमें चुपचाप पढ़ाई करनी चाहिए। ज्यादा ढोल पीटने से हानि ही होगी।

Hindi Muhavare on (त)

149. तारे गिनना (व्यग्रता से प्रतीक्षा करना)
जवानी के नशे में प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए रात भर तारे गिनता रहा।

150. तितर-बितर हो जाना (बिखर कर भाग जाना)
बम की अफ़वाह फैलते ही सारी सभा चंद मिनटों में तितर-बितर हो गई।

151. तिल का ताड बनाना (छोटी सी बात को बढ़ा देना)
जितनी बात हुई है, उतनी ही बताओ। तिल का ताड़ बनाने से व्यर्थ में कटुता बढ़ेगी।

152. तिल रखने की जगह न होना (अधिक भीड़ होना)
बाप रे ! बस में इतने लोग भरे हुए हैं कि तिल रखने की भी जगह नहीं है।

153. तूती बोलना (बहुत प्रभाव होना)
स्वामी विवेकानंद के जबरदस्त भाषण के बाद पूरे यूरोप में उनकी तूती बोल उठी।

Hindi Muhavare on (थ)

154. थाली का बैंगन (सिद्धांतहीन व्यक्ति)
मायाराम तो सच में थाली का बैंगन है। उसे जिधर दो पैसे मिलेंगे, उसी तरफ लपकेगा।

155. थूक कर चाटना (अपने कथन से इनकार करना)
सम्मान प्राप्त करना है तो अपने वचन पर दृढ़ रहो। थूक कर चाटने वाले जगह-जगह अपमानित होते हैं।

Hindi Muhavare on (द)

156. दाँत खुट्टे करना (परास्त करना)
भारतीय सैनिकों ने युद्ध के मैदान में पाकिस्तानी सेना के दाँत खट्टे कर दिए।

157. दाँतों तले अंगुली दबाना (हैरान होना)
ओलंपिक खेलों में खिलाड़ियों के अद्भुत खेल देखकर दर्शक दाँतों तले अंगुली दबा लेते हैं।

158. दाने-दाने को तरसना (बहुत अभावग्रस्त होना)
वक्त बुरा आ जाए तो अरबों के मालिक दाने-दाने को तरस जाते हैं।

159. दाल न गलना (सफल न होना)
इस बार छात्रों ने नकल करने की बहुत कोशिश की, परंतु सख्त निरीक्षकों के होते हुए उनकी दाल न गल सकी।

160. दाल में काला होना (गड़बड़ होना)
रात के अंधेरे में सूनी सड़क पर उसे भागते देखकर मैं समझ गया कि अवश्य दाल में काला है।

161. दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करना (निरंतर उन्नति करना)
माँ-बाप के आशीर्वाद और अपनी लगन से मेरा मित्र दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा है।

162. दुम दबाकर भागना (डर कर भाग जाना)
पुलिस के आते ही चोर दुम दबाकर भाग खड़े हुए।

163. दूध का दूध पानी का पानी करना (ठीक-ठीक न्याय करना)
लोभ-लालच और भय से ग्रस्त न्यायाधीश कभी दूध का दूध और पानी का पानी नहीं कर सकते।

164. दूर के ढोल सुहावने लगना (दूरी या अपरिचय के कारण वस्तु का आकर्षक लगना)
मैं समझता था कि शहर की जिंदगी में सुख ही सुख है। परंतु दो ही दिनों में मुझे समझ आ गई कि दूर के ढोल सुहावने होते हैं।

165. दो टूक जवाब देना (साफ़ इनकार करना)
मैंने तो ललित से बहुत आशा की थी, परंतु उसने मुझे दो टूक जवाब दे दिया।

166. दौड़-धूप करना (खूब प्रयत्न करना)
माँ-बाप ने दौड़-धूप करके अपने नालायक बेटे को नौकरी से लगवा ही दिया।

167. धज्जियाँ उड़ाना (खंड-खंड कर देना, नष्ट-भ्रष्ट कर देना)
संसद भवन में अटल बिहारी वाजपेयी ने सत्ताधारी दलों के एक-एक तर्क को काटकर उनकी धज्जियाँ उड़ा दीं।

168. धरती पर पाँव न पड़ना (अभिमान में रहना)
जब से सुबोध कांत फैक्टरी का मैनेजर बना है, उसके पाँव धरती पर नहीं पड़ते।

169. धाक जमाना (प्रभाव जमाना)
महात्मा गाँधी ने सत्य, अहिंसा और दृढ़ चरित्र से अंग्रेज़ सरकार पर धाक जमा रखी थी।

Hindi Muhavare on (न)

170. नज़रों से गिरना (अप्रिय होना)
जब से मनीष नकल करते हुए पकड़ा गया है, तब से वह अध्यापकों की नज़रों से गिर गया है।

171. नमक-मिर्च लगाना (बढ़ा-चढ़ा कर बात बताना)
सस्ते समाचार-पत्र छोटे-छोटे समाचारों में नमक-मिर्च लगाकर छापते हैं ताकि आम लोग चटपटी ख़बरों के लालच में उनका समाचार-पत्र खरीदें।

172. नाक कटना (बेइज्ज़ती होना)
अपने सुरेश ने मुहल्ले में आवारागर्दी करके ऐसा काम कर दिया कि मुहल्ले में हमारी नाक ही कट गई है।

173. नाक पर मक्खी न बैठने देना (अपने ऊपर कोई संकट न आने देना)
सौरभ इस बदनामी वाले मामले में बिल्कुल साथ नहीं देगा। वह नाक पर मक्खी भी नहीं बैठने देता।

174. नाक-भौं चढ़ाना (घृणा प्रकट करना)
भोजन में घीये और कद्दू की सब्जी देखकर बालक नाक भौं चढ़ाने लगते हैं।

175. नाक में दम करना (तंग करना)
छात्रों ने शरारतें कर-करके अपने अध्यापक की नाक में दम कर दिया।

176. नाक रगड़ना (गलती को बार-बार स्वीकार करना)
पुराने अध्यापक छात्रों की गलती को आसानी से माफ़ नहीं करते थे। वे छात्रों को नाक रगड़ने पर विवश कर देते थे।

177. नाकों चने चबवाना (खूब छकाना, संकट में डालना, कड़े संघर्ष में डालना)
शिवाजी ने अपनी सीमित-सी शक्ति से औरंगजेब की विशाल सेना को नाकों चने चबवा दिए।

178. नानी याद आना (मुसीबत देखकर घबरा जाना)
अचानक शेर को सामने देखकर प्रियंक को नानी याद आ गई।

179. नाम पर धब्बा लगना (कलंक लगना)
सच्चा इनसान वही है जो चाहे कितने संकट में फंस जाए किंतु अनैतिक काम करके अपने नाम पर धब्बा न लगने दे।

180. निन्यान्वे के फेर में पड़ना (धन-संग्रह के चक्कर में रहना)
अशोक पहले समाज सेवा में व्यस्त रहता था। जब से वह निन्यान्वे के फेर में पड़ा है, समाज से उसका नाता ही टूट गया है।

181. नौ-दो ग्यारह होना (भाग जाना)
पुलिस को आता देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गए।

Hindi Muhavare on (प)

182. पगड़ी उछालना (अपमानित करना)
जो लड़के अपने माता-पिता की पगड़ी उछालते हैं, वे स्वयं भी जीवन में कभी सुख नहीं पा सकते।

183. पत्थर की लकीर (पक्की बात)
भगवान कृष्ण कोई भी कच्ची बात नहीं करते थे। उनका हर कथन पत्थर की लकीर होता था।

184. पलकें बिछाना (प्रेमपूर्वक स्वागत करना)
अपने नाना की प्रतीक्षा में हम कब से पलकें बिछाए बैठे हैं।

185. पहाड़ टूटना ( भारी कष्ट आ पड़ना)
अपने इकलौते बेटे की दुर्घटना का समाचार सुनते ही माँ-बाप पर पहाड़ टूट पड़ा।

186. पाँचों उँगली घी में होना (लाभ ही लाभ होना)
तुम्हारी लाटरी भी निकल आई और नौकरी भी लग गई। सच में तुम्हारी पाँचों उँगलियाँ घी में हैं।

187. पाँव ज़मीन पर न पड़ना (अत्यधिक उत्साहित होना)
जब से मोहनदेव मंत्री बनाया गया है, उसके पाँव ज़मीन पर नहीं पड़ते।

188. पानी-पानी होना (लज्जित होना)
चोरी का भेद खुलते ही बेटा सबके सामने पानी-पानी हो गया।

189. पाला पड़ना (वास्ता पड़ना)
यह बदमाश ठीक रास्ते पर तभी आएगा जब इसका किसी शक्तिशाली से पाला पड़ेगा।

190. पीठ दिखाना (हार कर भागना)
सच्चे शूरवीर युद्ध के मैदान में छाती पर गोली खा लेते हैं, परंतु पीठ नहीं दिखाते।

191. पेट काटना (कम खर्च करके ज़रूरत के लिए जोड़ना)
सभी गरीब माता-पिता अपना पेट काटकर बच्चों को पढ़ाते-लिखाते हैं।

192. पेट में चूहे कूदना (जोर की भूख लगना)
माँ, जल्दी कुछ खाने को दो। मेरे पेट में कब से चूहे कूद रहे हैं।

193. पेट में दाढ़ी होना (छोटी आयु में चालाक होना)
इसे तुम नन्हा बालक न समझना। इसके पेट में दाढ़ी है।

194. पैरों तले से ज़मीन खिसकना (स्तब्ध रह जाना)
अपने एकमात्र बेटे की दुर्घटना का समाचार सुनते ही माँ के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई।

195. प्राणों की बाज़ी लगाना (किसी कार्य के लिए प्राण दे देना)
सच्चे शूरवीर सत्य, न्याय और देशरक्षा के लिए प्राणों की बाजी लगा देते हैं।

Hindi Muhavare on (फ)

196. फूँक-फूँक कर कदम रखना (बड़ी सावधानी से काम करना)
मनुष्य कितना ही फूँक-फूँक कर कदम रख ले, होनी फिर भी होकर रहती है।

197. फुलझड़ी छोड़ना (मजाक करना)
वाह भाई अनिल ! तुमने तो बातों की फुलझड़ियाँ छोड़कर पार्टी में रौनक ला दी।

198. फूटी आँख न सुहाना (जरा भी अच्छा न लगना)
इस घमंडी बालक की बुरी हरकतें मुझे फूटी आँख नहीं सुहातीं।

199. फूला न समाना (बहुत खुश होना)
पुत्र की नौकरी का समाचार सुनकर घर के सदस्य फूले नहीं समा रहे।

200. बंदर घुड़की (थोथी धमकी)
उसकी ऊँची आवाज़ और तीखे तेवरों पर न जाना। वह केवल बंदर घुड़की दे सकता है, कुछ कर नहीं सकता।

201. बहती गंगा में हाथ धोना (हाथ आए अवसर का लाभ उठाना)
अरे, आजकल तो तुम्हारी पार्टी की सरकार है। बहती गंगा में हाथ धो लो, वरना पछताओगे।

202. बांछे खिलना (बहुत प्रसन्न होना)
बेटे के प्रथम आने की बात सुनकर पिता की बांछे खिल गईं।

203. बाँह पकड़ना (सहारा देना)
इस दुनिया में सबको अपनी चिंता है। दुखियों की बाँह पकड़ने वाला कोई नहीं

204. बाँसो उछलना (अत्यंत प्रसन्न होना)
इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिलने की बात सुनते ही दशमेश बाँस उछलने लगा।

205. बाग-बाग़ होना (बहुत खुश होना)
कोलकाता वासी सौरव गांगुली के चौकों-छक्कों पर बाग-बाग़ हो गए।

206. बात का बतंगड़ बनाना (तनिक-सी बात को बढ़ा देना)
भाई साहब ! बात कुछ भी नहीं है। यों ही यह महाशय बात का बतंगड़ बना रहे हैं।

207. बात का धनी होना (वचन का पक्का होना)
मोहनलाल अपनी जुबान से फिरेगा नहीं। वह बात का धनी है।

208. बाल की खाल निकालना (बहुत गहराई से विचार करना)
सी।बी।आई। वाले मामले की जाँच करते समय बाल की खाल निकालते हैं।

209. बाल भी बाँका न होना (कुछ भी न बिगड़ना)
इस देश में कितने बड़े-बड़े घोटाले हुए, मगर किसी भी बड़े नेता का बाल बाँका नहीं हुआ।

210. बाल-बाल बचना (मुश्किल से बच पाना)
बम विस्फोट हुआ तो मंच के पास ही था, परंतु नेताजी बाल-बाल बच गए।

211. बाएँ हाथ का खेल (बहुत आसान काम)
आजकल राजनीतिज्ञों के लिए क्षण-क्षण जुबान बदलना बाएँ हाथ का खेल हो गया है।

212. बीड़ा उठाना (चुनौती स्वीकार करना)
सौभाग्य से देश के न्यायाधीशों ने प्रष्टचार को दूर करने का बीड़ा उठा लिया है।

213. बिजली गिरना (अचानक कष्ट आना)
इस दुर्घटना से हँसते-खेलते परिवार पर अचानक बिजली आ गिरी।

214. बुढ़ापे की लाठी (बुढ़ापे का सहारा)
इस बूढ़े के पास अपार धन हुआ तो क्या ? आखिर पैसा बुढ़ापे की लाठी तो नहीं बन सकता।

Hindi Muhavare on (भ)

215. भंडा फोड़ना (भेद खोलना)
विभीषण ने रावण की सारी काली करतूतों का भंडाफोड़ दिया।

216. भीगी बिल्ली बनना (भय के कारण दबकर रहना)
यह पुलिस अधीक्षक थाने में बहुत गुर्राता है, मगर घर में भीगी बिल्ली बना रहता है।

Hindi Muhavare on (म)

217. मन रखना (कहना मान लेना)
इच्छा न होते हुए भी पत्नी का मन रखने के लिए पति ने फ़िल्म देखी।

218. मन के लड्डू फोड़ना (प्रसन्न होना, कल्पना में सुख लेना)
शाद की बात चलते ही लड़कियाँ मन में लड्डू फोड़ने लगती हैं।

219. माथा ठनकना (शक होना)
घर में से धुएँ के गुब्बारे निकलते देखकर मेरा माथा ठनका।

220. माथे पर बल पड़ना (तनावग्रस्त होना, क्रोध में आना)
शरारती मुंगरी को कक्षा में कुत्ते का पिल्ला लाया देखकर अध्यापक के माथे पर बल पड़ गए।

221. मिट्टी का माधो (मूर्ख)
गंगूराम से क्या सलाह लेना ? वह निरा मिट्टी का माधो है।

222. मुँह की खाना (पराजित होना)
इस बार पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को भारत के मैदान में मुंह की खानी पड़ी।

223. मुँह तोड़ जवाब देना (बदले में करारी चोट देना)
जब भी पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सीमा पर गोलाबारी करते हैं, भारतीय सैनिक उनका मुँह तोड़ जवाब देते हैं।

224. मुँह पर कालिख पोतना (कलंकित करना)
नालायक संतानें अपने काले कारनामों से माता पिता के मुँह पर कालिख पोत देती हैं।

225. मुँह में खून लगना (शोषण की गंदी आदत लगना)
इस क्लर्क को रिश्वत न देना। अगर इसके मुँह में खून लग गया तो हमें जीवन भर परेशान करेगा।

226. मुँह में पानी आना (ललचाना)
गरम गरम गुलाब जामुनों को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया।

227. मुट्ठी गरम करना (रिश्वत देना)
नेताओं ने भ्रष्टाचार को इतनी खुली छूट दे रखी है कि जब तक सरकारी कर्मचारी की मुट्ठी गरम न की जाए, कोई भी काम नहीं होता।

228. मैदान मारना (जीत लेना, सफलता प्राप्त कर लेना)
प्रियंका ने पूरे बोर्ड में प्रथम आकर सचमुच मैदान मार लिया है।

Hindi Muhavare on (र)

229. रंगा सियार होना (धूर्त होना, ढोंगी होना)
उसकी चिकनी-चुपड़ी बातों में न आना। वह तो रंगा सियार है।

230. रंग चढ़ना (असर होना)
प्रियेश की ऊँची-ऊँची बातों से लगता है कि उस पर मुंबई का रंग चढ़ गया है।

231. रंग में भंग पड़ना (खुशी में बाधा पड़ना)
लड़के गा-बजाकर पिकनिक का मज़ा ले रहे थे। अचानक प्रिंसिपल के आ जाने से रंग में भंग पड़ गया।

232. रफूचक्कर होना (ग़ायब होना)
पुलिस को देखते ही चोर रफूचक्कर हो गया।

233. राई का पहाड़ बनाना (छोटी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना)
अरी मंथरा ! बात कुछ भी नहीं है। तुम तो यों ही राई का पहाड़ बना रही हो।

Hindi Muhavare on (ल)

234. लकीर का फकीर होना (पुराने रीति-रिवाजों का दृढ़ता से पालन करना)
उस पोंगे-पंडित से समझदारी की उम्मीद करना बेकार है। वह लकीर का फकीर है।

235. लकीर पीटना (रूढ़ियों का अंधे होकर पालन करना)
मियाँ, जमाने के साथ बदलो। लकीर पीटने से कहीं के न रहोगे।

236. लहू का घूँट पीकर रह जाना (विवशता से अपमान सहना)
भरी सभा में अपने बेटे के मुख से गालियाँ सुनकर श्रीवास्तव लहू का घूँट पीकर रह गया।

237. लाल-पीला होना (क्रुद्ध करना)
पांडवों की प्रशंसा सुनकर दुर्योधन लाल-पीला हो जाता था।

238. लुटिया डुबोना (सारा काम बिगाड़ देना)
शकुनि ने दुर्योधन को बुरी सलाह दे देकर उसकी लुटिया ही डुबो दी।

239. लोहा मानना (दूसरे का प्रभाव स्वीकार करना)
सभी लोग धनुर्विद्या में अर्जुन का लोहा मानते थे।

240. लोहे के चने चबाना (बहुत संघर्ष करना)
पांडव चाहे संख्या में थोड़े थे। परंतु उन्होंने अपार सेना वाले कौरवों को लोहे के चने चबवा दिए।

Hindi Muhavare on (श)

241. श्रीगणेश करना (शुभारंभ करना)
सौरव गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जीवन का श्रीगणेश अविजित शतक से किया।

Hindi Muhavare on (स)

242. सड़कों की धूल चाटना (व्यर्थ में भटकना)
बेरोजगार नवयुवक नौकरी की तलाश में सड़कों की धूल चाटते रहते हैं, परंतु नौकरी नहीं मिलती।

243. सठिया जाना (बूढ़ा होने पर क्रोधी और मूढ़ हो जाना)
माँ ! तुम पिताजी की चिड़चिड़ाहट का बुरा न माना करो। वे सठिया गए हैं।

244. सब्ज़ बाग दिखाना (लोभ-आकर्षण की बातें करना)
नौकरी दिलवाने वाली एजेंसी ने लोगों को सब्ज़ बाग तो खूब दिखाए परंतु नौकरी किसी को नहीं मिली।

245. सिर उठाना (विद्रोह करना)
दूरदर्शी राजनेता अपने विरुद्ध सिर उठाने वाले को कुचल कर रख देते हैं।

246. सिर आँखों पर बिठाना (बहुत आदर करना)
धोनी अच्छे क्रिकेट का प्रदर्शन करके राँची वापस पहुँचा तो लोगों ने उसे सिर आँखों पर बिठा लिया।

247. सिर ओखली में देना (जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना)
साइकिल से भारत भ्रमण करने की योजना बनाकर मैंने अपना सिर ओखली में दे दिया है।

248. सिर धुनना (बहुत पछताना)
बेटे ! मेहनत कर लो। वरना कम नंबर आने पर सिर धुनते रह जाओगे।

249. सिर पर कफ़न बाँधना (प्राणों की परवाह न करना)
भाई ने अपने सिर पर कफन बाँधकर अपनी बहन की रक्षा की।

250. सिर पर खून सवार होना (किसी की जान लेने पर उतारू होना)
जब मेरी बहन को कोई उलटा-सीधा कहता है तो मेरे सिर पर खून सवार हो जाता है।

251. सिर पर चढ़ाना (अत्यधिक छूट देना)
आजकल के नए-नए अमीर माँ-बाप अपने बच्चों को नियंत्रण में रखने की बजाय सिर पर चढ़ाए रहते हैं।

252. सिर पर भूत सवार होना (धुन सवार होना)
जब से मैंने कंप्यूटर सीखना शुरू किया है, मेरे सिर पर कंप्यूटर का ही भूत सवार हो गया है।

253. सूरज को दीपक दिखाना (बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति की थोड़ी प्रशंसा करना)
राम के महान व्यक्तित्व के बारे में कुछ कहना सूरज को दीपक दिखाना है।

254. सोने में सुगंध होना (अच्छी वस्तु का और अधिक अच्छा होना, गुणी के गुणों का और बढ़ना)
वह पहले से ही अच्छा पहलवान था। अब जर्मनी से प्रशिक्षण भी ले आया है। यह सोने पर सुहागा हो गया है।

Hindi Muhavare on (ह)

255. हथेली पर सरसों जमाना (असंभव काम करना)
केनिया की अनुभवहीन क्रिकेट टीम का वेस्टइंडीज की दिग्गज टीम को हराना हथेली पर सरसों जमाना है।

256. हवा लगना (असर होना)
कॉलेज में प्रवेश लेते ही नवयुवकों को जमाने की हवा लग जाती है।

257. हवा से बातें करना (बहुत तेज दौड़ना)
महाराणा प्रताप का चेतक हवा से बातें करता था।

258. हवाई किले बनाना (ऊँची-ऊँची कल्पनाएँ एवं योजनाएँ बनाना)
अरे मुंगेरी लाल ! कुछ करा-धरा भी करो। हवाई किले बनाने से कुछ हाथ नहीं आएगा।

259. हाथ उठाना (मारने को तैयार होना)
बच्चों को इतना भी परेशान नहीं करना चाहिए कि वे भड़क कर हाथ उठाने को तैयार हो जाएँ।

260. हाथ धोकर पीछे पड़ना (किसी काम के पीछे अंधी लगन होना)
शकुनि दुर्योधन को पांडवों से लड़ाने के काम में हाथ धोकर पीछे पड़ गया।

261. हाथ पर हाथ रखकर बैठना (निठल्ले बैठना)
कर्मवीर युवक मुसीबत आने पर कुछ करके दिखाते हैं। हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठते।

262. हाथ-पाँव फूल जाना (डर से घबरा जाना)
आयकर अधिकारी का छापा पड़ते देख सेठजी के हाथ-पाँव फूल गए।

263. हाथ-पाँव मारना (प्रयत्न करना)
सभी नवयुवक नौकरी पाने के लिए हाथ-पाँव मारते हैं किंतु मिलती किसी-किसी को है।

264. हाथ फैलाना (सहायता की याचना करना)
ईश्वर न करे कि हम किसी के सामने हाथ फैलाने के लिए विवश हों।

265. हाथ मलते रह जाना (पछताते रह जाना)
बेटा ! परीक्षाओं की पूरी तैयारी कर लो। वरना समय निकल जाने पर हाथ मलते रह जाओगे।

266. हाथों के तोते उड़ना (बुरा समाचार पाकर भौंचक्के रह जाना, अचानक घबरा जाना)
इनकम टैक्स अधिकारी को दल-बल सहित आया देखकर सेठजी के हाथों के तोते उड़ गए।

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