गंगा नदी की आत्मकथा पर निबंध Autobiography of River Ganga in Hindi Essay – Ganga Nadi Ki Atmakatha

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Autobiography of river ganga in hindi essay

Autobiography of River Ganga in Hindi

Autobiography of River Ganga in Hindi 250 Words

मैं गंगा हूं। मैं भारत की सबसे पवित्र और पूजनीय नदी हूँ। भारत की ही नहीं विश्व में भी मैं सबसे प्रसिद्ध नदी हूँ। मेरी कहानी सुनिए। मैं भारत और बांग्लादेश से होकर बहती हूँ। मेरी लंबाई 2,601 किलोमीटर है। मेरा जन्म दूर उत्तराखंड से जाना जाता है। वहां से निकलकर मैं दक्षिण से होती हुई पश्चिम की ओर चली जाती हूँ। समझो कि पूरे उत्तरी भारत में से गुजरती हूँ और बांग्लादेश से होती हुई बंगाल की खाड़ी से जाकर मिल जाती हूँ।

मुझे लोग गंगा मैया के नाम से भी पुकारते हैं और मेरी पूजा भी करते हैं। लोगों का यह विश्वास है कि गंगाजल में नहाने से हर बीमारी दूर हो जाती है और मेरे जल को पीकर मनुष्य धन्य हो जाता है। मेरे अंदर एक छोटा सा संसार है जिसमें 100 से अधिक प्रकार की मछलियां और पानी में रहने वाले प्राणी पाए जाते हैं। मेरे ऊपर किताबें, कविताएं और फिल्मे भी बनाई गई हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी मेरा एक प्रश्न है कि इतना मान सम्मान देने के बावजूद भी लोग मुझे प्रदूषित कर रहे हैं। फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी मुझ में डाल दिया जाता है और जल प्रदूषित हो जाता है। आप सरकार से विनती करे की मुझे साफ़ रखने के लिए कुछ कठोर कदम उठाये।

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