Essay on Himalaya in Hindi हिमालय पर निबंध

Know information abour Himalaya in Hindi (हिमालय). Read Essay on Himalaya in Hindi हिमालय पर निबंध.

Essay on Himalaya in Hindi

Essay on Himalaya in Hindi हिमालय पर निबंध

Essay on Himalaya in Hindi 400 Words

हिमालय दो शब्दों से बना है- हिम+आलय। ‘हिम’ का अर्थ है- बर्फ और ‘आलय’ का अर्थ है- घर। हिमालय के ऊपर साल भर बर्फ जमी रहती है। हिमालय, संसार के पर्वतों में सबसे ऊंचा है। इसे भारत में ‘गिरिराज’ के नाम से भी जाना जाता हैं। संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। संसार का सबसे ऊँचा शिखर ‘माउंट एवरेस्ट’ हिमालय का ही एक शिखर है। भौगोलिक रूप से हिमालय पर्वत श्रृंखला भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। हिमालय पर्वत भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि यह भारत को सुरक्षा प्रदान करता है और इससे बहुत सारी नदिया निकलकर भारत के मैदानी इलाको में बहती है और जिससे जमीन उपजाऊ बनती है। हिमालय के कारन ही भारत में मानसून की मूसलाधार बारिश होती है। हिमालय से भारत को बहुत सारी जड़ी बुटिया और काम में लाई जाने वाली बहुत सारी लकड़ियों का स्रोत है।

यह पर्वत श्रृंखला भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करती है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और चीन। हिमालय, लम्बाई में 2500 किलोमीटर और क्षेत्रफल में 612,021 वर्ग किलोमीटर में फैला है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनाद हैं, जो 12 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं।

हिमालय की ऊँची चोटियाँ और दिल को हरने वाली घाटियाँ बहुत प्रसिद्द हैं। इसकी प्राकृतिक सुन्दरता सभी का मन हर लेती है। हिमालय में सबसे बड़ी कश्मीर की घाटी है। कश्मीर को ‘धरती का स्वर्ग’ भी कहा जाता है। इसमें स्थान-स्थान पर फूल खिले रहते हैं और सर्वत्र स्त्रोत और जल-प्रपात दिखाई देते हैं। हिमालय के कारन भारत की टूरिज्म इंडस्ट्री (Tourism Industry) बहुत बढ़ गई है। गर्मियों में पुरे विश्व भर से लोग यहाँ पर ठण्ड का लुफ्त उठाने आते है।

हिमालय में हिन्दू और बौद्ध धर्म के बहुत महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, दैव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। माना यह जाता है कि हिमालय का अस्तित्व 70 करोड़ वर्षों से भी अधिक पुराना है। भवैज्ञानिकों के परीक्षण से पता चला है कि प्रतिवर्ष हिमालय के आकार में बीस मिलीमीटर की बढ़ोत्तरी होती है। लगातार बदलाव और विकास के कारण हिमालय में भुस्खलन और भूकंप की आशंका सदैव बनी रहती है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *