Read Ramayan in Hindi – नारद जी का श्रृंगबेर पुर पहुंचना

नारद जी का श्रृंगबेर पुरी पहुंचना / Narad Ji Ka Sharangberpur Par Pahunchna

Scene Number – 5

पात्र : नारद जी और दरबान सिल्लिनिधि

Read Ramayan in Hindi – नारद जी का श्रृंगबेर पुर पहुंचना

नारद जी : ऐ दरबान, इस नगरी का क्या नाम हे और यह रौनक की वजह क्या हे.

दरबान : महाराज इस नगरी का नाम श्रीरंगबेर पुर हे और यह के राजा का नाम सिल्लिनिधि हे. यह भीड़ इन की कन्या के स्वंबर की हे. ऐ ऋषि वर, आप भी जाकर स्वम्बर की रौनक देखे.

(नारद जी का सिल्लिनिधि के दरबार में जाना)

सिल्लिनिधि : ऋषिवर प्रणाम स्वीकार करो.

नारद : आयुष्मान भव्य.

सिल्लिनिधि : ऋषिवर आसन ग्रहण कीजिये. आप ने बड़ी मुद्दत के बाद दर्शन दिए, हे मुनिराज, मेने अपनी कन्या विश्वमोहिनी का स्वम्बर रचा हे, हे नाथ, आप इस कन्या का हाथ देख कर बतलाइये, के इस को पति केसा मिलेगा.

नारद : ऐ महाराज, जिस को कन्या वर मानेगी, वो अजर अमर हो जावेगा, उस वर को सुर, नर, नाग, असुर, रण में न जीत पाएंगे. (चेहरे की तरफ देख कर) ऐ राजन, तेरी यह राज कुमारी हर प्रकार से भाग्यवान हे, ये श्री लक्ष्मी जी के सामान हे, वो अजर अमर होगा और उस को माया नहीं वियापेगी.

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