नारी शिक्षा पर निबंध Women Education in Hindi Essay and Importance

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Women Education in Hindi Essay नारी शिक्षा पर निबंध

Women Education in Hindi Essay

Women Education in Hindi Essay 400 Words

एक सभ्य समाज का निर्माण उस देश के शिक्षित नागरिको द्वारा होता है और नारी इस कड़ी का एक अहम् हिस्सा है। परिवार की छोटी छोटी इकाइयां मिलकर एक समाज का गठन करती हैं और परिवार की केंद्र बिंदु नारी होती है, यदि एक नारी शिक्षित होती है तो एक परिवार शिक्षित होता है और जब एक परिवार शिक्षित होता है तो पूरा राष्ट्र शिक्षित होता है, इसलिए किसी ने ठीक ही कहा है कि जब आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं, तो आप सिर्फ एक आदमी को शिक्षित करते हैं, लेकिन अगर आप एक स्त्री को शिक्षित करते हैं, तो आप एक पीढ़ी को शिक्षित करते हैं।

जहाँ तक शिक्षा का प्रश्न है यह तो नारी हो या पुरुष दोनों के लिए समान रूप से महत्त्वपूर्ण है। शिक्षा सभी का समान रूप से हित-साधन किया करती है। फिर भी भारत जैसे विकासशील देश में नारी की शिक्षा का महत्त्व इसलिए अधिक है क्योंकि वह देश की भावी पीढ़ी को योग्य बनाने के कार्य में उचित मार्ग-दर्शन कर सकती है। बच्चे सबसे अधिक माताओं के सम्पर्क में रहा करते हैं। शिक्षित माता ही बच्चों के कोमल व मन-मस्तिष्क में उन समस्त संस्कारों के बीज बो सकती है जो आगे चलकर अपने समाज, देश और राष्ट्र के उत्थान के लिए परम आवश्यक हुआ करते हैं।

नारी का कर्ततव्य बच्चों के पालन-पोषण करने के अतिरिक्त अपने घर-परिवार की व्यवस्था और संचालन करना भी होता है। एक शिक्षित और विकसित मन-मस्तिष्क वाली नारी अपनी आय, परिस्थिति, घर के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकता आदि का ध्यान रखकर उचित व्यवस्था एवं संचालन कर सकती है। विश्व की प्रगति शिक्षा के बल पर ही चरम सीमा तक पहुँच सकी है। यदि नारी जाति अशिक्षित हो तो वह अपने जीवन को विश्व की गति के अनुकूल बनाने में सदा असमर्थ रहती है। यदि वह शिक्षित हो जाए तो उसका पारिवारिक जीवन स्वर्गमय हो सकता है और उसके बाद देश, समाज और राष्ट्र की प्रगति में वह पुरुषों के साथ कन्धे-से-कन्धा मिलाकर चलने में समर्थ हो सकती है।

भारतीय समाज में शिक्षित माता गुरु से भी बढ़ कर मानी जाती है, क्योंकि वह अपने पुत्र को महान् से महान् बना सकती है। सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए नारी शिक्षा अत्यन्त आवश्यक है। सशिक्षा के द्वारा नारी जाति समाज में फैली कुरीतियों व कुप्रथाओं को मिटाकर अपने ऊपर लगे लाँछनों का सहज ही निराकरण कर सकती है। नारी है ममता की ज्योति, ज्ञान की ज्योति भी बनाना है, नारी को पढ़ाना है, नारी को पढ़ाना है…

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