Essay on Water Pollution in Hindi जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में

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hindiinhindi Essay on Water Pollution in Hindi

Essay on Water Pollution in Hindi 200 Words

मानव जीवन के लिए पानी बहुत ही जरूरी है। पानी के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। कुछ मानव गतिविधियों और प्राकृतिक घटनाओं के कारण पानी प्रदूषित हो जाता है और पीने के पानी की उपलब्धता कम हो जाती है। जल निकायों में जहरीले पदार्थों के मिश्रण के कारण पानी प्रदूषित हो जाता है और इसे जल प्रदूषण के रूप में जाना जाता है। जल प्रदूषण ही पानी की कमी के लिए मुख्य कारण है। ज्वालामुखी विस्फोट, पानी में काई आदि जैसी प्राकृतिक घटनायें ही जल प्रदूषण का कारण है।

कीटनाशकों का अधिक उपयोग, उधोगों में रसायनों का उपयोग अपशिष्ट गंदे पानी को नदियों में छोडना, ये कुछ मानव गतिविधियाँ है जो जल प्रदूषण की ओर ले जाती है। जल प्रदूषण के कारण लोग कोलरा, टाइफाइड, दस्त और कई अन्य बीमारियों से पीड़ित होते है। जल प्रदूषण को कम किया जा सकता है। अगर हम जल निकायों में निर्वहन से पहले पानी के रासायनिक मुक्त करते है और केवल आवश्यक होने पर पानी का उपयोग करते है। बेहतर भविष्य के लिए पानी को संरक्षित करने की जरूरत है अन्यथा पृथ्वी पर कोई जीवन नही होगा।

Essay on Water Pollution in Hindi 300 Words

जल प्रदूषण की समस्या वास्तव में कोई नई समस्या नहीं है। धरती पर जीवन का सबसे मुख्य स्रोत ताजा पानी है लेकिन धरती पर जल प्रदूषण लगातार एक बढ़ती समस्या बनती जा रही है। जल प्रदूषण सभी के लिये एक गंभीर मुद्दा है जो कई तरीकों से मानव, पशु पंछी, जलीय जीव और भूमि को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। जल प्रदूषक जल की रसायनिक, भौतिक और जैविक विशेषता को बिगाड़ रहा है जो पूरे विश्व में सभी पौड़पौधों, मानव और जानवरों के लिये बहुत खतरनाक है।

जल प्रदूषण के कारण :

जल प्रदूषण दो कारणों से होता है एक प्राकृतिक और दूसरा मानवीय।

1. प्राकृतिक : जिसमें मरे जीवों का जीवाश्म नदी, तालाब और समुद्र में मिल जाना, कार्बनिक पदार्थों का अपक्षय और मृदा अपरदन होने से जल प्रदुषण होता है।

2. मानवीय : इसमें जलीय स्रोतों के आस – पास कल कारखाना लगाना जिससे उससे निकलने वाला कचरा (गंदगी) समद्र, तालाब और नदी में मिल जाना, घरेलु कचरों को नदी या तालाब में फेकॅना, कीटनाशक दवाई का अत्यधिक इस्तेमाल करने से जल प्रदुषण होता है।

जल प्रदुषण से होने वाले नुकसान :

जब हम प्रदूषित पानी पीते हैं तभी खतरनाक रसायन और दूसरे प्रदूषक शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और हमें नुक्सान पहुंचाते हैं और हमारा जीवन खतरे में डाल देते हैं। दूषित जल पीने से टाइफाइड, पीलिया, अतिशय, एक्जीमा आदि जैसे भयंकर रोग उत्पन्न हो जाते हैं। एसे प्रदूषित जल पशु और पौधों के जीवन को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव कृषि भूमि पर भी पड़ रहा है। प्रदूषित जल जिस कृषि योग्य भूमि से होकर गुजरता है और उस भूमि की उर्वरता को नष्ट कर देता है।

जल प्रदुषण से बचाव :

जल प्रदूषण से बचने के लिये सभी उद्योगों को मानक नियमों को मानना चाहिये, सुलभ शौचालयों आदि का निर्माण करना चाहिये, नदी एवं तालाब में पशुओं को स्नान कराने पर भी पाबंदी होनी चाहिए, कृषि कार्यों में आवश्यकता से अधिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग को भी कम किया जाना चाहिए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सख्त कानून बनाने चाहिये ताकि जल प्रदुषण रोका जा सके।

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