Essay on Motherland in Hindi मातृभूमि / जन्मभूमि पर निबंध

Essay on Motherland in Hindi for school going students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. मातृभूमि/ जन्मभूमि पर निबंध।

hindiinhindi Essay on Motherland in Hindi

Essay on Motherland in Hindi

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है अथवा स्वर्ग से बड़ी है मातृभूमि

विचार बिंदु – • माँ और जन्मभूमि दोनों महाने • माँ का वात्सल्य सांसारिक सुखों से ऊपर • मनुष्य जन्मभूमि का उपकार नहीं चुका सकता • जन्मभूमि हमारा पालन-पोषण करती है • जन्मभूमि से दूर रहना व्यर्थ।

माँ और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होती है। ‘स्वर्ग’ का अर्थ है – सख-वैभव। माँ के वात्सल्य की तुलना सांसारिक सुख-वैभव से नहीं की जा सकती। जो सुख हमें माँ के वात्सल्य में मिलता है, वह सांसारिक भोगों में कदापि नहीं मिल सकता। जन्मभूमि तो सब सुखों का सागर है। मनुष्य जीवन-भर की कमाई का होम करके भी मातृभूमि का उपकार नहीं चुका सकता। जन्मभूमि न केवल हमें जन्म देती है। हमारा पालन-पोषण करती है, बल्कि हमें गौरव आर सम्मान प्रदान करती हैं। अपने देश का नाम लेकर हम विश्व में अपनी पहचान बनाते हैं। जब हम गर्व से कहते हैं कि ‘हम भारतीय हैं’ तब हमारा माथा गर्व से ऊँचा हो जाता है। तभी हमें जीने का सच्चा सुख मिलता है। जन्मभूमि को छोड़ने पर हमें स्वर्ग भी मिलता हो तो वह व्यर्थ है। यही बात भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण को कही थी –

अपि स्वर्णमयी लंका लक्ष्मण में न रोचते।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।।

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