Essay on Sex Education in Hindi यौन शिक्षा पर निबंध
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Sex Education in Hindi
यौन शिक्षा पर निबंध
आज के तेजी से बदलते परिवेश में यौन शिक्षा की जरूरत महसूस होने लगी है। खासकर लड़कियों को शिक्षा देने पर मतभेद बने हुए हैं। यौन शिक्षा अनिवार्य हो और वह किस उम्र में दी जानी चाहिए’: ये सवाल आज भारतीय समाज में महत्वपूर्ण हो उठे हैं।
आज यौन शिक्षा बहुत जरूरी हो गई है। हमे रोज समाचारों के माध्यम से पता चलता है कि किस तरह से लड़कियाँ शिकार हो रही हैं। छोटी लड़कियों को पता नहीं होता कि उनके साथ क्या सलूक हो रहा है। वे मानसिक प्रताड़ना से गुजरती हैं। आस-पास रहने वाले और रिश्तेदार तक गलत काम करते हैं। अगर थोड़ी समझ आने से पहले लड़की को जानकारी दी जाए, तो वह यौन शिक्षा के अभाव में इस उत्पीड़न का शिकार नहीं होगी।
इस तरह की शिक्षा से जागरूकता आती है। हम हिंसा और कानूनी चीजों की बातें करते हैं, तो अपनी भलाई के लिए लड़कियों को यौन शिक्षा की बहुत ज्यादा जरूरत है। यह जरूरी नहीं है कि ऐसी शिक्षा देने के काम सिर्फ माता-पिता करें। मेरे ख्याल से सामान्य शिक्षा की तरह ही यौन शिक्षा को भी रखना चाहिए। हो सकता है कि स्कूल में माहौल न बना हो, लेकिन माहौल बनाने के लिए सरकार, अध्यापक, माता-पिता को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। सवाल सिर्फ लडकियों को सुरक्षित रखने का नहीं है, बल्कि एक लड़की के संपर्ण विकास का भी है। पढ़े-लिखे परिवार में टीवी के जरिए भी यौन शिक्षा मिल जाती है, लेकिन अनपढ़ परिवारों को भी लड़कियों के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है।
यह थोड़ा गंभीर मुद्दा है। इस मुद्दे पर किसी एक की राय महत्वपूर्ण नहीं मानी जा सकती। इस बारे में हर किसी को जागरूक होने की जरूरत है। इस बारे में प्रत्येक माता-पिता को स्कूल प्रशासन के साथ बैठकर तय करना चाहिए कि लड़कियों को किस उम्र में यौन शिक्षा देनी चाहिए। स्कूल के साथ घर में भी यौन शिक्षा देने की जरूरत है। एक माँ के रूप में यदि किसी को कुछ कहना है, तो उसे खुद निर्णय लेना पड़ेगा कि बच्चों को किस उम्र में यौन शिक्षा की जरूरत है। चूंकि एक मां किसी भी लड़की से ज्यादा जुड़ी हुई होती हैं। इसलिए लड़की से ज्यादा उसके परिजनों को जागरूक होने की जरूरत है। माता-पिता तय करेंगे कि उनकी लड़की कितनी समझदार है और उसे इस तरह की शिक्षा कैसे दी जानी चाहिए। स्कूल में यौन शिक्षा नियमित रूप से दी जाए, इस बारे में भी माता-पिता को तय करने की आवश्यकता है। वजह साफ है कि आज भी कई ऐसे परिवार हैं, जो रूढ़िवादी हैं। वह भविष्य के बारे में नहीं सोचते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है।
कुछ लोगों का मानना है कि जब लड़की पांचवीं या छठी कक्षा में पढ़ रही हो तब उसे यौन शिक्षा देनी चाहिए, क्योंकि इसी उम्र में लड़की को सेक्स शिक्षा की ज्यादा जरूरत होती है। उसके लिए यह सही समय होता है। वह कुछ जानने की भी कोशिश करती हैं। उसकी जिज्ञासा बढ़ने लगती है। इसलिए उसे परिपक्व हो जाने से पहले जानकारी दी जाए, तो उसके लिए बेहतर होगा। दूसरों को बताने से पहले उसे इस बारे में बताना अच्छा होता है। दूसरों से उसे सही जानकारी मिलेगी- इसमें संदेह है। उसे सही शिक्षा मिलें इस बात का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। हालांकि, आजकल तो टीवी सबसे बड़ा माध्यम हो गया है। इस पर हर चीज की जानकारी मिल जाती है। लेकिन टीवी पर हमेशा इस चीज की जानकारी मिलने से अधूरी शिक्षा होती है।
यौन शिक्षा देने का उचित समय जब लड़की महसूस करे कि वह बडी हो रही है, तब होता है। उस समय उसे यौन शिक्षा के बारे में बताना चाहिए। एक लड़की के लिए यह शिक्षा निश्चित रूप से बहुत जरूरी है। यौन शिक्षा को लड़कियों तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए। यौन शिक्षा लड़के हों या लड़की- दोनों को दी जानी चाहिए। यह भी सच है कि लड़कियां छोटी उम्र में जागरूक नहीं होती हैं और छोटी उम्र में ही उन पर सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं। वे अनजान भी रहती हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है। अगर समझदार होने से पहले ही उन्हें बताया जाए, तो उनके मन में जो सवाल उठते हैं, उनकी समस्याओं का समाधान हो जाता है। समय बड़ी तेजी से बदल रहा है और यह हमें पता है कि पहले महिलाओं को तो शिक्षा ही नहीं मिलती थी। उनको किसी तरह का ज्ञान नहीं होता था, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता था। पहले की तरह आज के बच्चों को भी यौन शिक्षा के बारे में बाहर से पता चलता है। इससे पहले कि वे हमसे कोई सवाल करें, उन्हें बताना चाहिए।
बच्चों को यौन के बारे में कोई गलतफहमी न हो और इस बारे में वह सकुचा कर कोई सवाल न करें या शर्म से न जानने की कोशिश करें, इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि उम्र के मामले में न तो देर हो और न ही जल्दी हो। आज सह-शिक्षा प्रणाली में बच्चे आपस में जानने की कोशिश करते हैं। यदि उन्हें पहले से जानकारी होगी, तो वे यौन शिक्षा के नाम पर गलत शिक्षा नहीं ले पाएंगे। इसलिए सावधानी भी बरतने की जरूरत है।
Essay on co education in Hindi
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