Unity is Strength Story in Hindi for Kids एकता में बल है कहानी

Read Unity is Strength Story in Hindi. एकता में बल है कहानी हिंदी में। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए एकता में बल है कहानी हिंदी में।

Unity is Strength Story in Hindi – एकता में बल है कहानी हिंदी में

hindiinhindi Unity is Strength Story in Hindi

Unity is Strength Story in Hindi

Story 1

एक बार एक बूढा किसान था। उसके चार लडके थे। वह हर रोज आपस में लड़ते रहते थे। एक दिन किसान बीमार हो गया। उसने अपने लडको को बुलाया और कहा कि जंगल से एक लकड़ी का गटा लेकर आओ। किसान ने अपने सारे लडकों को एक एक करके लकडी का गटठा तोड़ने के लिए कहा, किसान के हर लडके ने एक एक करके कोशिश की मगर वह लकडी के गटा को तोड़ नही पाये।

तब किसान ने लकडी के गटठा को खोल दिया और अलग अलग कर दिया। फिर उसने सभी लडको को एक एक करके लकडी को तोड़ने को कहा, किसान के सारे लडको ने उसे आसानी से तोड़ दिया। तब वह बूढा किसान बोला कि तब तक कोई तुम्हे नुक्सान नही पहुँचा सकता जब तुम मिलजुल कर एक साथ रहोगे। सारे लड़को ने किसान को वचन दिया कि वह सब एक साथ रहेंगें।

शिक्षा : एकता में बल है।

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Story 2

घास के छोटे-छोटे तृण हवा में उड़ जाते हैं। लेकिन जब उन्हीं तृणों को जोड़ कर और वट कर रस्सी बनाई जाती है तो उस रस्सी से शक्तिशाली हाथी भी बाँधा जा सकता है। स्पष्ट है कि एकता में बल होता है जो निम्न कहानी से भी सिद्ध हो जाता है।

एक जंगल में एक शिकारी प्रतिदिन जाया करता था। पक्षियों का शिकार करने की इच्छा से वह रोज उन्हें दाना डालता। पक्षी जब दाना चुगने आते तो शिकारी अपना जाल पंछियो पर फैला देता और एक-दो पक्षी प्रायः उसका शिकार बन जाते। इस पर पक्षी बहुत परेशान हो उठे। उन्होंने यह निश्चय किया कि किस तरह से शिकारी के चंगुल से छूटा जा सकता है। एक वृद्ध पक्षी ने उन्हें सलाह दी कि अब जब शिकारी चोगा लेकर जाल फैलाने की इच्छा से आएगा तो हम सब पक्षी उस जाल में चले जाएंगे और सभी अपना जोर लगा कर उस जाल को उड़ा ले जाएंगे। सब पक्षियों ने उस वृद्ध पक्षी की बात मान ली।

दूसरे दिन जब शिकारी चोगा लेकर आया और अपना जाल फैलाया तो सभी पक्षी चोगा लेने के लिए शिकारी की तरफ पहुंच गए। शिकारी सभी पक्षियों को अपनी ओर आया देख बहुत खुश हुआ कि आज बहुत से पक्षियों का शिकार मिलने का सौभाग्य प्राप्त होगा। परन्तु जैसे ही शिकारी ने अपना जाल उन पक्षियों पर फैलाया वे सभी पक्षी उस जाल को ही लेकर उड़ गए। शिकारी यह देखर हक्का-बक्का रह गया। पक्षी मन ही मन बहुत प्रसन्न हो रहे थे कि सभी पक्षी एकता के कारण ही उस जाल को लेकर उड़ने में सफल हो सके है। सचमुच यदि पक्षी इस प्रकार संगठित न होते तो रोज किसी न किसी पक्षी की बारी आती रहनी थी। पक्षियों की इस एकता के कारण ही वे समस्या का समाधान कर पाए। तभी तो कहा गया है कि एकता में इतना बल है कि मिल जुल कर काम करने से कोई भी बड़े से बड़ा कार्य सिद्ध किया जा सकता है।

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