Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध हिंदी में

दशहरा पर निबंध हिंदी मेंLearn an Essay on Dussehra in Hindi for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Students today we are going to discuss a very important topic i.e essay on Dussehra in Hindi. Dussehra essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Dussehra in Hindi is defined in more than 1500 words. Learn an essay on Dussehra in Hindi and bring better results.

Essay on Dashahara in Hindi – दशहरा पर निबंध

hindiinhindi Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi 150 Words

दशहरा हमारे देश का महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इसे विजयादशमी या विजयपर्व भी कहते हैं। यह त्योहार आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का संबंध रामायण से है। कहा जाता है कि इसी दिन रघुकुल-तिलक भगवान श्रीराम ने लंका के अन्यायी और अत्याचारी राजा रावण का वध किया था। तभी से लोग इस पर्व को विजय पर्व के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। दशहरे को मुख्य रूप से ‘क्षत्रियों का त्योहार’ कहा जाता है। इस दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। दशहरे से नौ दिन पहले ही गाँव-गाँव और नगर-नगर में रामलीला होती है। इसमें रामचंद्रजी के संपूर्ण जीवन को धारावाहिक रूप में दिखाया जाता है। दशहरे के दिन एक विशाल मैदान में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशालकाय पतले लगाए जाते हैं। इस स्थान पर मेला-सा लग जाता है। बच्चे, बूढ़े और जवान सभी मेले का आनंद लेने आते हैं। पहले खुले मैदान में राम-रावण का युद्ध होता है जिसमें राम रावण का वध कर देते हैं। बाद में पुतलों में आग लगाई जाती है। आग लगते ही पुतलों में रखे बम और पटाखे छूटने लगते हैं। बच्चे यह देखकर खुशी से तालियाँ बजाने लगते हैं। दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का द्योतक है। यह हमें अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

Essay on Dussehra in Hindi 200 Words

दशहरा हिंदुओं का एक बहुत बड़ा त्यौहार है जिसे पूरे भारत में बड़े ही हर्षो-उल्लास से मनाया जाता हे. अष्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी को इसका आयोजन होता है. दशहरे वाले दिन भगवान राम ने लंका पति रावण को युद्ध में हराया था तथा मां दुर्गा ने 9 रात्रि 10 दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी. इस शुभ अवसर को सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता हे. इसी लिए इस त्यौहार को विजय दशमी के नाम से जाना जाता है.

साल की तीन शुभ तिथियों में से एक दसहरा हे, अन्य दो चैत्र शुकल और कार्तिक शुकल की प्रतिपदा हे. दसहरे वाले दिन लोग शस्त्र पूजा करते हे और शुभ तिथि होने के कारण नया कार्य प्रारम्भ करते हे. पुराने समय में राजा लोग इसी दिन विजय की प्राथना कर रणन यात्रा के लिए निकल जाते थे. आज कल इस दिन जगह जगह मेले लगते हे और खास तोर पर रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले जलाये जाते हे. इसे भगवन राम की विजय के रूप में अथवा माँ दुर्गे पूजा के रूप में, दोनों की रूपों से ये शक्ति पूजा का पर्व हे और शस्त्र पूजन की तिथि हे.

भारत देश में ये त्यौहार भिन-भिन प्रकार से मनाया जाता हे. हिमाचल प्रदेश में कुल्लू का दसहरा भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हे. वह के लोग धूमधाम से जुलूस निकल कर बड़े धूम धाम से दसहरे को मनाते हे और पूजन करते हे. बस्तर में माँ संतेश्वरी की आराधना के द्वारा दसहरे का त्यौहार मनाया जाता हे.

Essay on Dussehra in Hindi 250 Words

Dussehra essay in hindi

दशहरा एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा को लोग विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। यह त्योहार अशिवन महीने के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात तथा दस दिन के युद्ध के उपरांत महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। दशहरा को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दशहरा त्यौहार को कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाया जाता है। कुछ लोग देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिये पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। पं.बंगाल, बिहार, झारखंड आदि राज्यों में महिषासुर और माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा – अर्चना की जाती है। पुरे नौ दिनों तक दुर्गासप्तशती का पाठ चलता है। पूजा होने के बाद लोगों को प्रसाद वितरित किया जाता है और साथ में लंगर चलाने का कार्यक्रम भी किया जाता है। इसके अलावा कई जगहों पर 7 दिन या महीनों तक रामलीला का आयोजन किया जाता है। दुर्गा माता की मूर्ति की स्थापना कर पूजा करने वाले उनके भक्त दुर्गा माँ का मूर्ति-विसर्जन का कार्यक्रम भी गाज-बाजे के साथ करत है।

दशहरा के उत्सव पर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में कुछ दिनों के लिए छुट्टी मिल जाती है। लोग इस पर्व को ढेर सारी खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। पूरे देश में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवा दिन मनाया जाता है।

Essay on Dussehra in Hindi 300 Words

10 lines on Dussehra in Hindi

दशहरा हिन्दुओं का प्रसिद त्योहार हे. इस दिन भगवन श्री राम ने लंका पति रावण को मार कर विजय प्राप्त की थी. इस दिन को बड़े उत्साह से दुनिआ भर में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हे. इस त्यौहार को सबसे ज्यादा भारत में मनाया जाता हे पर आज जहां-जहां भी भारत वासी या श्री राम जी के भगत हे, वह पर इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता हे. दसहरे को विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता हे, जो की नवरात्रो के आखिर में आता हे. दशहरा अशिवनं महीने की दसवीं तिथि को होता हे.

दसहरे के आठ दिन पहले राम-लीला की जाती है. जहां पर रामायण के तर्ज पर दुनिआ भर के लोगो को यह बताने की कोशिश की जाती हे की हमेशा असत्य पर सत्य की ही जीत होती हे. राम-लीला के माध्यम से पूरी रामायण की कहानी को मंच से दर्शाया जाता हे. राम-लीला ड्रामा के आखिर में रावण को मार कर समाप्ति की जाती हे. दसहरे के दिन खुले मैदान में बड़े बड़े रावण, कुम्भ-कारन और मेघनाथ के पुतलो को जलाया जाता हे. पुतला दहन के बाद खूब आतिशबाजी होती हे और लोग इस पूरे कार्यक्रम का भरपूर आनंद लेते हे. बंगाल में इसी दसहरे वाले दिन दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया जाता हे.

भगवन राम चन्दर जी ने इस दिन लंका पति रावण को मार कर विजय प्राप्त की थी. इसी वजह से इस त्यौहार को विजय-दशमी कहते हे. विजय-दशमी के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी. पुराने समय में राजा गण वर्षा ऋतू बोल कर शत्रुओं पर चढ़ाई कर दिया करते थे.

इस समय वर्षा ऋतू के बाद शरद ऋतू शुरू होती हे. इन दिंनो किसान बहुत प्रसन होता हे क्युकी किसानो के खेतो के चावल लहलहा रहे होते हे.

Essay on Vijayadashami in Hindi 700 Words

अधर्म और दानवता पर विजय प्राप्त करके धर्म एवं देवत्व की स्थापना करना अवतारी शक्तियों का कार्य रहा है। विजयदशमी को विजयोत्सव के रूप में आज भी भारतीय जनता सदियों से मनाती चली आ रही है। विजयदशमी हिन्दुओं का पवित्र सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्व है। विजयदशमी का पर्व ग्रीष्म ऋत की समाप्ति पर आता है। सम्पूर्ण हिन्दू समाज इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है।

विजय दशमी को ‘दशहरा पर्व’ के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा से तात्पर्य दंश को हरने से है। इसी दिन श्रीराम जी ने दुष्ट रावण के दस सिरों का नाश किया था, इसीलिए इस पर्व को दशहरा भी कहा जाता है। अधर्म पर धर्म की और अन्याय पर न्याय की विजय प्राप्त करने के कारण इसे ‘विजयदशमी’ कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार- एक बार जब इन्द्रलोक एवं देवलोक महिषासुर नाम के राक्षस के अत्याचारों से पीड़ित होकर त्राहि-त्राहि कर उठे, तब सभी देवता शंकर की शरण में गए । शंकर की क्रोधाग्नि से एक शक्ति का प्रार्दुभाव हुआ और देवताओं ने उस शक्ति को शस्त्रास्त्र प्रदान करके और शक्तिशाली बनाया। उस शक्ति ने नौ दिन संघर्ष करने के बाद दसवें दिन महिषासुर का अंत कर दिया। तभी से प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल दशमी को आज भी लोग पूजते हैं।

विजयदशमी का त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में, दशमी तिथि के दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन कहीं दुर्गा जी की पूजा की जाती है और कहीं राम जी की। इस त्योहार को ‘दुर्गा-पूजा’ और ‘शस्त्र-पूजा’ के रूप में भी मनाया जाता है। क्षत्रिय लोग इस दिन शम्त्रों और अम्त्रों की पूजा करते हैं।

भारतीय जनता इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाती हैं। इस पर्व को मनाए जाने की विधि हर राज्य में अलग-अलग है। बंगाल में यह पर्व दुर्गा-पूजन के रूप में मनाया जाता है। गुजरात में यह पर्व समारोहों का आयोजन करके नृत्यादि करके मनाया जाता हैं। राजस्थान में राजा-महराजाओं की झांकिया निकलती है। और वे इन झाँकियों में अस्त्रों और शस्त्रों का प्रदर्शन करते हैं। दक्षिण भारत में इस अवसर पर शामी वृक्ष की पूजा करके, उसके पत्तों को स्वर्ण समझकर लूटा जाता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार एवं पंजाब में इस पर्व को मनाने की विधि लगभग एक सी है। नवरात्र के आरंभ होने के साथ ही इन राज्यों में जगह-जगह रामलीला का आयोजन होता है। यहाँ राम जी के जीवन की पवित्र झलकियाँ लोगों को नाटक के माध्यम से नौ दिनों तक दिखाई जाती हैं। नाटक के दसवें दिन राम और रावण का युद्ध दिखाया जाता है, जिसमें राम रावण को मार गिराते हैं तथा राम की विजय होती है। रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। इन पुतलों में आतिशबाजी लगायी जाती है जिससे आग लगते ही रंग बिरंगी चिंगारियां निकलती हैं और धमाका होता है। इस दिन जगह-जगह पर मेलों का आयोजन होता है। बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरूष सभी इन मेलों का आनंद लेने आते हैं। इस दिन घरों में पकवान बनते हैं, लोग पूजा-पाठ करते हैं। शाम होते ही लोग सज-धजकर मेला देखने पहुँच जाते हैं।

भारतीय समाज में यह दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने शुभ कार्य करते हैं। प्राचीनकाल में व्यापारी, यात्री, साधु आदि वर्षा ऋतु में अपनी यात्रा स्थगित कर देते थे; क्योंकि इस समय तक वर्षा भी समाप्त हो चुकी होती थी और यातायात का सुलभ साधन भी नहीं था। इसलिए इस को शुभ मानकर लोग यात्राएं और अपने अन्य कार्य करते थे। राजा-महाराजा इसी दिन दुश्मनों पर आक्रमण करने की तैयारी करते थे। विवाह आदि के शुभ कार्य भी इसी समय में ही किए जाते हैं। इस दिन योद्धा अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। बहनें अपने भाईयों के कानों में ‘नौरतें’ टाँगती हैं, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भी है।

यूँ कहा जाए तो विजयदशमी का त्योहार भारतीय संस्कृति, परम्परा और गौरव का प्रतीक है। इस पर्व से हमें शिक्षा मिलती है कि अन्याय, अत्याचार और दुराचार को सहना भी एक बड़ा पाप है। यह त्योहार राष्ट्र के उत्थान में भी बहुत सहायक हैं। यह त्योहार हमें संदेश देता हैं कि राम के चरित्र और आदर्शों का अनुकरण करने से ही हमारा जीवन सुखी और शांत रह सकता है। विजयदशमी, अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। हमें न्याय तथा धर्म की स्थापना करके राष्ट्र को मजबूत बनाना चाहिए। देश में जन्मी हर बुराई को जड़ से उखाड़ फेंक देना चाहिए।

Paragraph on Dussehra in Hindi 10 Lineshindiinhindi paragraph on Dussehra in Hindi

  • हमारे देश में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। उनमें से दशहरा भी एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो प्राय: अक्टूबर भास में मनाया जाता है।
  • इस त्योहार के मनाने के पीछे यह कथा प्रचलित है कि रावण लंका का राजा था। वह बहुत विद्धवान था। परन्तु उसको अपनी शक्ति का बहुत अभिमान था।
  • श्री राम के वनवास के दिनों में, रावण छल से सीता जी को पकड़ कर ले गया।
  • श्री राम ने हनुमान और सुग्रीव आदि मित्रों की सहायता से लंका पर हमला कर दिया।
  • दशहरे से नौ दिन पहले नगरों में रामलीला होती है। जिस में श्री राम जी के जीवन की यही कहानी नाटक के रूप में प्रस्तुत की जाती है।
  • दशहरा रामलीला का आखिरी दिन होता है। इस दिन स्थान-स्थान यर मेले लगते हैं। लोग टोलियो में मेला देखने जाते हैं।
  • इम दिन रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद के पुतले बनाए जाते हैं।
  • इनके अंदर बड़े-बड़े पटाके लगाए जाते हैं। सायंकाल के समय राम और रावण के दलों में बनावटी लड़ाई होती है।
  • अंत में श्री राम जी ने रावण पर युद्ध में विजय प्राप्त क्री, ऐसा दर्शाया जाता है। फिर तीनों के पुतलों को आग लगाई जाती है, जिससे पटाखे फूट पड़ते हैं।
  • चारों तरफ बुराई यर अच्छाई की विजय की खुशी का वातावरण छा जाता है।
  • सड़कों यर भिन्न-भिन्न वस्तुओं के स्टॉल लगे होते हैं।
  • सभी लोग मिठाइयाँ, खिलौने आदि लेकर घरों को लौटते हैं।
  • पंजाब में इस त्योहार की खास मिठाई जलेबी मानी जाती है।
  • बंगाल में दसहरे के दिन दुर्गा माता की मूर्ति का पूजन, बाद में उनका जल-विसर्जन किया जाता है, वहाँ उसे दुर्गा – पूजा के रूप में मनाया जाता है।
  • हिमाचल प्रदेश में कुल्लू का दशहरा भी वहुत प्रसिद्ध है।
  • दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का त्योहार है इसलिए इसे विजय दशमी भी कहते है।
  • यह त्योहार हमें अपने धर्म और संस्कृति को रक्षा करने की, अत्याचारों के समक्ष न झुकने की प्रेरणा देता है।
  • यह त्योहार क्रूरता व अन्य सामाजिक, बुराइयों को सहन न करने का संदेश भी देता है।

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